- Published by- @MrAnshulGaurav
- Saturday, July 16, 2022
उत्तर प्रदेश। यूपी के कई सामाजिक संगठन और आरटीआई एक्टिविस्टों के समूह लखनऊ की समाजसेविका उर्वशी शर्मा की अगुआई में एक नया प्रयोग करने जा रहे हैं. यह प्रयोग है सूबे के सूचना आयोग में कार्यरत आठ सूचना आयुक्तों में से सबसे अच्छा काम करने वाले सूचना आयुक्त का नाम सामने लाने का. इस सम्बन्ध में बात करते हुए उर्वशी ने बताया कि सबसे अच्छे सूचना आयुक्त की खोज का यह काम आम जनता द्वारा ऑनलाइन वोटिंग के माध्यम से किया जायेगा.
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग के गठन की अधिसूचना साल 2005 के दिसम्बर महीने की 14 तारीख़ को जारी हुई थी.राज्य के प्रथम मुख्य सूचना आयुक्त ( सीआइसी ) न्यायमूर्ति एम. ए. खान द्वारा 22 मार्च 2006 को पदभार ग्रहण करने के बाद 20 जून 2006 से सूचना आयोग ने कार्य करना आरम्भ किया था.
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उर्वशी बताती हैं कि सूचना आयोग को काम करते 16 वर्षों से अधिक का समय व्यतीत हो गया है और इस दौरान सूचना आयोग ने चार सीआइसी एम. ए. खान, रणजीत सिंह पंकज, जावेद उस्मानी और भवेश कुमार सिंह के कार्यकालों में उतार-चढ़ाव के अनेक दौर देखे हैं. वर्तमान सीआइसी भवेश कुमार सिंह के काम की तारीफ करते हुए उर्वशी ने कहा कि लोगों को सूचना दिलाने के लिए सीआईसी भवेश निरंतर अपने अंतःकरण की पवित्र भावना से काम कर रहे हैं और लगातार जी-तोड़ कोशिश करते हुए सूचना आयोग के कामकाज में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व का निरंतर संवर्धन करने तथा भारत के नागरिकों के सूचना के अधिकार की एक सुकर तथा व्यवहारिक प्रणाली स्थापित करने के लिए लगातार प्रयत्नशील हैं.
अन्य आठ सूचना आयुक्तों पर कोई टिप्पणी किये बिना उर्वशी कहती हैं कि हालाँकि वे सभी अपनी क्षमताओं और योग्यताओं के हिसाब से अच्छा काम करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब इस बात की आवश्यकता महसूस हो रही हैं कि सूचना आयुक्त भी जनभावना से अवगत होकर अपनी कार्यप्रणाली में निरंतर सुधार लाने की दिशा में प्रयत्नशील हों.
उर्वशी ने बताया कि सूचना आयुक्तों को जनभावना से निरंतर अवगत कराने के लिए शीघ्र ही एक वेबसाइट लांच की जाएगी जिसमें आम जनता अपने मोबाइल पर आये ओटीपी के माध्यम से वर्तमान सूचना आयुक्तों को एक से आठ तक की रैंकिंग दे सकेगी जिसमें नंबर एक की रैंकिंग सर्वश्रेष्ट होगी. इस व्यवस्था में एक मोबाइल नंबर से एक बार ही रैंकिंग दी जा सकेगी.किसी एक ही आयुक्त को भी रैंकिंग दी जा सकेगी.आयुक्तों की रैंकिंग्स के परिणाम रियल टाइम में वेबसाइट पर लगातार देखे जा सकेंगे. बकौल उर्वशी इस वेबसाइट के चालू होने के बाद प्रत्येक वर्ष के अंतराल पर उनके साथ जुड़े इस प्रोजेक्ट के सहयोगी एनजीओ वेबसाइट के डाटा और सर्वश्रेष्ठ सूचना आयुक्त द्वारा उस वर्ष पारित किये गए आदेशों के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके उसे सूबे के राज्यपाल,मुख्यमंत्री, विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष और सूबे में आरटीआई के नोडल विभाग प्रशासनिक सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को इस आशय से देंगे कि भविष्य में और अच्छे सूचना आयुक्तों का चयन हो सके.
उर्वशी ने बताया कि सूचना आयुक्तों का नया बैच आने पर उनका श्रेणीकरण अलग से उनके ही बैच के आयुक्तों के बीच होगा और उसके लिए पहले बैच के आयुक्तों का श्रेणीकरण कर चुके मोबाइल नंबर पुनः एक बार नए बैच का श्रेणीकरण करने के लिए सक्रिय हो जायेंगे और यही प्रक्रिया निरंतर चलती रहेगी.
सीआइसी को इस प्रक्रिया से बाहर रखने के प्रश्न पर उर्वशी ने बताया कि क्योंकि सूचना कानून की धारा 15(4) के तहत सूचना आयोग के कार्यों का साधारण अधीक्षण,निदेशन और प्रबंध भी सीआइसी में ही निहित हैं और वर्तमान सीआइसी भवेश द्वारा सभी जिम्मेदारियां बखूबी निभाई जा रही हैं इसलिए वर्तमान में सीआइसी को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया है और यदि भविष्य में वेबसाइट पर कोई अन्यथा फीडबैक प्राप्त हुआ तो सीआइसी को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जायेगा.