समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमण्डल ने आज उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिलकर रामपुर में विधानसभा उपचुनाव में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव के लिए रामपुर के जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक को तत्काल हटाकर दूसरे अधिकारियों की तैनाती की मांग की है।
प्रतिनिधिमण्डल में नेता विरोधीदल विधानसभा रामगोविन्द चौधरी, नेता प्रतिपक्ष विधानपरिषद अहमद हसन तथा पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी शामिल थे। समाजवादी पार्टी के नेताओं ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के 11 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव 21 अक्टूबर 2019 को करने की घोषणा की है। इन 11 विधानसभा क्षेत्रों में रामपुर विधानसभा क्षेत्र भी शामिल है। रामपुर जनपद में जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने जिस प्रकार दहशत का माहौल उत्पन्न कर रखा है उससे निष्पक्ष चुनाव हो पाना असम्भव है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में समाजवादी प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि रामपुर के जिला प्रशासन और जिला पुलिस द्वारा एक सोची समझी रणनीति के तहत लोकसभा चुनाव के बाद सांसद मोहम्मद आजम खां, उनकी पत्नी, उनके बेटों, रिश्तेदारों एवं समर्थकों के विरूद्ध फर्जी मुकदमें दर्ज कराने का ऐसा सिलसिला प्रारम्भ किया गया है कि इस समय उनकी संख्या 86 तक हो गई है। मोहम्मद आजम खां ने शिक्षा क्षेत्र में स्वतंत्रता सेनानी मोहम्मद अली जौहर के नाम पर यूनिवर्सिटी बनवाई उससे प्रशासन को क्या दिक्कत है, समझ में नहीं आता है। मोहम्मद आजम खां और उनके परिवार और रिश्तेदारों के विरूद्ध की जा रही उत्पीड़न की कार्यवाही का विवरण भी समाजवादी प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को दिया गया।