लखनऊ। राज्य निर्वाचन आयुक्त एस. के. अग्रवाल ने लखनऊ में मतदाता सूची में व्यापक गड़बड़ियों और इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) सम्बन्धी खासी शिकायतों पर नाराजगी जाहिर करते हुए आज कहा कि वह सभी जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब करेंगे।
अग्रवाल ने नगरीय निकाय चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण का मतदान सम्पन्न होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में राजधानी लखनऊ में मतदाता सूची में व्यापक गड़बड़ी तथा ईवीएम सम्बन्धी समस्याओं पर नाखुशी का इजहार किया।
नालायक और नाकाबिल साबित हुआ :–
उन्होंने कहा कि ‘‘राजधानी का प्रशासन जिसे सबसे अच्छा होना चाहिये, वह सबसे नालायक और नाकाबिल साबित हुआ है।’’ उन्होंने कहा कि लखनऊ जिला प्रशासन ने मतदाता सूची में बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम ना होने के लिये कुछ बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के खिलाफ कार्रवाई की है, मगर यह नाकाफी है। यह जिम्मेदारी उपजिलाधिकारी की भी है और तहसीलदार की भी। बीएलओ के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, उपजिलाधिकारी से क्यों नहीं पूछा जा रहा है। ‘‘मैं बुलाकर पूछूंगा इन सबसे।’’ अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने मतदाता सूची सम्बन्धी शिकायतों की जांच लखनऊ के मण्डलायुक्त को सौंपी है। इस जांच से स्पष्ट होगा कि मतदाताओं के नाम कटने के क्या कारण हैं। अभी तो यह प्रारम्भिक जांच है। अगर जानबूझकर मतदाता का नाम काटा गया तो यह अपराध है।
उन्होंने बताया कि पूरे चुनाव में कुल 503 ईवीएम बदली गयीं, जिनमें से अकेले लखनऊ में ही 250 मशीनें बदलनी पड़ीं। लखनऊ में बेहतर मशीनों यानी एम 2 से चुनाव कराया गया था, जो मुझे बताया गया है कि केबल ठीक से नहीं लगे होने की वजह से ईवीएम बदलनी पड़ीं। अगर केबल ठीक होते तो मशीनें नहीं बदलती पड़ती।