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काला फीता व शासनादेश की प्रतियां जलायेंगे राज्य कर्मचारी: अतुल मिश्र

लखनऊ। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत सभी  कर्मचारी, 25 मई मंगलवार को काला फीता बांधकर कार्य करेंगे साथ ही विरोध स्वरूप शासनादेश की प्रतियां जलायेंगे। यह निर्णय उप्र राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर किया जायेगा, आन्दोलन की रणनीति को लेकर रविवार को प्रदेश के मंडलीय प्रतिनिधियों के साथ प्रांतीय पदाधिकारियों की वर्चुअल बैठक संपन्न हुई।

परिषद के प्रवक्ता अशोक कुमार ने वर्चुअल बैठक की जानकारी देते हुए बताया विभिन्न जनपदों के पदाधिकारियों ने कहा कि कोविड संक्रमण काल में स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के सभी कर्मचारियों को सरकार प्रोत्साहन राशि नहीं दे रही है। सरकार उन्हें जानबूझकर आंदोलन को मजबूर कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य कर्मियों को 25% प्रोत्साहन राशि एवं किसी भी स्वास्थ्य कर्मी के शहीद होने पर उनके आश्रितों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दिए जाने की मांग कर रहे हैं।

परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा न बताया कि सरकार की घोषणा के विपरीत केवल कोविड चिकित्सालयों में कार्यरत कर्मियों हेतु को ही अनुग्रह राशि देने का शासनादेश जारी किया गया है। जिससे सभी कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। श्री मिश्र ने कहा कि कर्मचारियों की मांग है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों के परिवारी जनों का भी वैक्सीनेशन कराया जाए। प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि नॉन कोविड अस्पतलों में भर्ती मरीजों में जांच कराने में 50 प्रतिशत पॉजिटिव होते हैं, जिसकी वजह से स्टाफ, कर्मचारी आदि संक्रमित हो जाते हें।

इसलिए नॉन कोविड अस्पतालों में कोविड अस्पतालों में कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधा सभी कर्मचारियों को मिलनी चाहिये। वही आयुर्वेद यूनानी होम्योपैथी और वेटनरी फार्मासिस्टों की ड्यूटी भी कोविड में लगी है ऐसे में सभी विधाओं को प्रोत्साहन राशि दिया जाना चाहिए। इसके अलावा एक्सरे सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड में लगातार एक्सरे टेक्नीशियन कार्य कर रहे हैं वहां कोविड-19 के मरीजों की रेडियोलॉजिकल जांच की जा रही है। बैठक में प्रांतीय समेत समस्त जनपदों के पदाधिकारियों ने अपने विचार व कर्मचारियों में व्याप्त आक्रोश को बताते हुए बड़े आंदोलन के घोषणा की मांग की।

31 मई को कोरोना से मरे कर्मचारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे देशभर के कर्मचारी  

वैश्विक महामारी से प्रदेश ही नहीं पूरे देश में प्रांतीय व केन्द्रीय कर्मचारियों की मृत्यु हुईं हैं। सरकार ने संवेदनाएं तो प्रेषित किया मगर अनुग्रह की घोषणा नहीं की है। विभिन्न प्रांतों के पदाधिकारियों की वर्चुअल बैठक में पारित प्रस्ताव की जानकारी देते हुए इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्रा एवं महामंत्री प्रेमचंद ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्रियों से मांग की है कि मृत कर्मचारियों के परिवार को 50 लाख रुपए की अनुग्रह धनराशि तथा मृतक आश्रित के आश्रित को नियमित नियुक्ति, पारिवारिक पेंशन एवं समस्त देयको का एक माह में भुगतान कराएं।

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