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पराली जलाने पर होगी सख्त कार्यवाई: उपजिलाधिकारी

औरैया। माननीय सर्वोच्च न्यायालय तथा राष्ट्रीय हरित अधिकरण एवं शासन के निर्देशों के अनुपालन में यदि किसी ने भी फसल अवशेष, कूड़ा करकट इत्यादि जलाया तो उसके विरुद्ध विधिक कार्यवाही अवश्यंभावी है। ये बात शनिवार को उपजिलाधिकारी अजीतमल रमापति ने आज विकासखंड अजीतमल में कृषि विभाग द्वारा आयोजित आत्मा योजना अंतर्गत विकासखंड स्तरीय खरीफ गोष्ठी में कही।

उन्होंने अवगत कराया कि जिलाधिकारी द्वारा इसके रोकथाम के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था की गई है। जिसमें ग्राम स्तर पर सभी लेखपाल अपने क्षेत्राधिकार में नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि फसल अवशेष जलाने की एक भी घटना ना हो। इसी प्रकार तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी एवं कृषि विभाग के अधिकारियों का मोबाइल दस्ता बनाया गया है, जो इस प्रकार की घटना की सूचना प्राप्त होते ही मौके पर पहुंचकर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित करेगा।

जनपद स्तर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व की अध्यक्षता में एक सेल गठित किया गया है जो प्रतिदिन जनपद के कोने कोने में इस घटना को घटित ना होने देने के लिए प्रत्येक प्रकार की कार्यवाही का प्रतिदिन अनुश्रवण करेगा। गोष्ठी में मौजूद उप कृषि निदेशक विजय कुमार ने किसानों को अवगत कराया कि कोरोना काल में जबकि हमारे शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाए रखना आवश्यक है, ऐसे में फसल अवशेष जलाने से उठने वाला धुआं ना केवल संपूर्ण मानव समाज के लिए बल्कि गर्भवती माताओं के गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी बेहद हानिकारक हो सकता है। इससे जहां एक तरफ मिट्टी में मौजूद मित्र सूक्ष्म जीव और पोषक तत्व नष्ट होते हैं वहीं दूसरी तरफ पर्यावरण भी प्रदूषित होता है अतः इस बात की आवश्यकता है कि पराली का उचित प्रबंधन किया जाए।

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ अनंत कुमार एवं डॉ बृज विकास सिंह ने फसल अवशेष प्रबंधन के तरीकों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि इसके प्रबंधन के लिए जरूरी नहीं है कि प्रत्येक किसान के पास उन्नतशील कृषि यंत्र हो, इनका प्रबंधन सामान्य तरीके से कोई भी किसान कर सकता है। उचित होगा कि इन्हें गेहूं की बुवाई से पूर्व खेत में ही मिलाकर मिट्टी की उर्वरा शक्ति एवं जीवांश पदार्थों की मात्रा को बढ़ाया जाए। गोष्ठी में कृषक उत्पादन संगठन, सोलर पंप योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कृषि यंत्रीकरण योजना, किसान क्रेडिट कार्ड ,जैविक खेती एवं उर्वरक व्यवस्था तथा खरीफ एवं रबी फसलों की तकनीकी पर विस्तार से चर्चा की गई।

रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर

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