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अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय निबन्ध प्रतियोगिता में पुरष्कृत हुए विद्यार्थी

लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय द्वारा आयोजित किये गए अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल राष्ट्रीय निबन्ध लेखन प्रतियोगिता, 2020 का परिणाम घोषित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के 96वें जन्मदिवस पर किया गया था। इस आयोजन का संचालन लखनऊ विश्वविद्यालय मूट कोर्ट एसोसिएशन द्वारा किया गया। इस प्रतियोगिता में देश के विभिन्न क्षेत्रों से 60 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया था।

इस कार्यक्रम के पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन के मुख्य अतिथि रजत शुक्ला, सिविल न्यायाधीश, सीतापुर रहे तथा निर्णायक मंडल में एमिटी यूनिवर्सिटी की अस्सिटेंट प्रोफेसर शैवालिनी सिंह रहीं, जिनका परिचय विधि संकाय के प्रमुख एवं संकायाध्यक्ष प्रोफेसर सी.पी. सिंह द्वारा दिया गया। उन्होंने बताया कि रजत शुक्ला लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय के ही पुरातन छात्र हैं तथा भारतीय दंड संहिता के क्षेत्र में प्रमुख नामों में से एक हैं तथा अस्सिस्टेंट प्रोफेसर शैवालिनी सिंह सिविल प्रक्रिया संहिता एवं क्रिमिनल प्रक्रिया संहिता के क्षेत्र में अग्रणी हैं। साथ ही साथ उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन के हेतु को भी बताया।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से हम कई लक्ष्यों को साध सकते हैं। ऐसे आयोजनों से हम विद्यार्थियों की कला को तो और प्रभावी बनाते ही हैं तथा अपने भारतवर्ष के महापुरुषों का भी स्मरण करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के आयोजनों से बच्चों की मेधा में उत्तरोत्तर वृद्धि होती है तथा उनका उत्साहवर्धन भी होता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रजत शुक्ला ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन के साथ-साथ उत्साहवर्धन भी करते हैं और आपके व्यक्तित्व को बहुआयामी बनाते हैं। उन्होंने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय का विधि संकाय इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करके विद्यार्थियों के प्रति अपनी लक्ष्य साधना को परिलक्षित करता है और देश के प्रमुखतम संस्थानों में से एक होने का साक्ष्य भी प्रस्तुत करता है।

कार्यक्रम की निर्णायिका अस्सिटेंट प्रोफेसर शैवलिनी सिंह ने अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने बताया कि आज के परिदृश्य में आपको ज्ञान के साथ साथ उसे अपने शब्दों में व्यक्त करने का सरल एवं सहज तरीका भी आना परमावश्यक है और इस प्रकार के कार्यक्रमों विद्यार्थी अपनी इस मेधा को परिष्कृत करते हैं। उन्होंने बताया कि जब वो निबन्धों का निरक्षण कर रही थीं तब उनके लिए विजेता एवं उपविजेता का चुनाव करना अत्यंत कठिन कार्य था क्योंकि जो उत्कृष्टता इन निबन्धों में थी वो विजेता और उपविजेता के चुनाव को और कठिन कर रही थी।

कुछ निबन्धों तो आज की जटिल चुनौतियों के विषयों पर आधारित थे जो साइबर वर्ल्ड में होने वाले बहुत से अपराधों पर केंद्रित थे जिनकी संख्या में हाल-फिलहाल में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है। कुछ निबन्ध ऐसे विषयों पर ,थे जो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े हुए थे लेकिन इन पर विधिक जागरूकता की कमी के कारण विधिक दृष्टिकोण अब तक विकसित नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि वो सभी प्रतिभागियों एवं आयोजनकर्ता कमेटी के सदस्यों का आभार व्यक्त करती हूं कि उन्होंने एक बहुआयामी एवं बहुविस्तृत  निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया।

लखनऊ विश्वविद्यालय मूट कपार्ट एसोसिएशन के विद्यार्थी-संयोजक निशांत वीर सिंह द्वारा परिणाम की घोषणा की गई जिसमें गुजरात राष्ट्रीय विश्विद्यालय के छात्र दिव्यांशु चौधरी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा राष्ट्रीय विधि विद्यालय ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बंगलौर की आरती गुप्ता द्वितीय स्थान पर रहीं। विजेता दिव्यांशु चौधरी को 1000 रुपये का पुरस्कार तथा उपविजेता आरती गुप्ता को 500 रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया। पुरस्कार वितरण समारोह का आभार प्रदर्शन लखनऊ विश्वविद्यालय मूट कोर्ट एसोसिएशन की सदस्या मानसी सिंह द्वारा किया गया।

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