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Infosys की बढ़ी मुश्किलें लैंगिक पूर्वाग्रह के आरोपों का करना पड़ा सामना, ये हैं पूरा मामला

 इंफोसिस में प्रतिभा अधिग्रहण की पूर्व उपाध्यक्ष जिल प्रेजीन ने अमेरिकी अदालत में शिकायत देते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले में एक पूर्व वरिष्ठ कर्मचारी द्वारा इन्फोसिस पर एक बार फिर से मुकदमा दर्ज किया गया है।प्रेजीन ने बताया कि इंफोसिस ने भारतीय मूल के लोगों, बच्चों वाली महिलाओं और 50 या उससे अधिक उम्र के उम्मीदवारों को काम पर रखने से बचने के लिए कहा था।

वरिष्ठ उपाध्यक्ष (टैलेंट एक्विजिशन) जिल प्रेजीन द्वारा दायर एक मुकदमें में यह कहा गया है कंपनी ने उम्र और जेंडर को लेकर भेदभाव किया है। ऐसे में जब उसने इस तरीके के पक्षपातपूर्ण प्रक्रियाओं के खिलाफ आवाज उठाया तो कंपनी द्वारा उत्पीड़न भी किया गया। अवैध, भेदभावपूर्ण मापदंडों के आधार पर उम्मीदवारों को स्क्रीन करने से इनकार करने पर मेरे साथ भी भेदभाव किया गया। कई अधिकारियों ने मुझपर नियंत्रण करने की कोशिश की।

प्रेजीन ने आरोप लगाया कि अनुपालन न करने पर उन्हें हटाने की धमकी दी गई और काम के प्रतिकूल माहौल के साथ-साथ खुद भी भेदभाव का सामना करना पड़ा। बाद में एक कथित दबाव अभियान के बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था।पूर्व वाइस प्रेसिडेंट (टैलेंट एक्विजिशन) जिल प्रेजियन ने इन्फोसिस, परामर्श प्रमुख और वरिष्ठ उपाध्यक्षस मार्क लिविंगस्टन तथा डैन अलब्राइट ऐंड जेरी कर्ट्ज के पूर्व साझेदारों के ​खिलाफ यह मुकदमा दर्ज किया गया है।

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