Breaking News

निर्वाह

निर्वाह

गोदी में शिशु को लिए
पत्थर तोड़े मां
काम करे ना एक दिन
कैसे हो निर्वाह।

झोपड़ पट्टी धूम में
ना बिजली ना छांव
खाली करने का कभी
आ सकता फरमान।
व्यस्त है इतने आज में
कल की सोचे कौन
बीत रही है जिंदगी
अच्छा लगता मौन।

महलों में जो रहते हैं
क्या समझेंगे दर्द
आंधी पानी झेलते
ऐसे हम हर पल।
चर्चा उनकी हो रही
जिनका वैभव संसार
मजदूरी में सहज सब
विस्मय की क्या बात।

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
        डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

About Samar Saleel

Check Also

फिल्म लेखक वेदिक द्विवेदी छात्रसंघ पर लिख रहे किताब, किए ये बड़े खुलासे

अपनी हाल ही में आई पुस्तक रामेश्वरा की बड़ी सफलता के बाद फिल्म लेखक वेदिक ...