प्याज, आलू, टमाटर और अन्य सब्जियों के बाद अब जल्द ही चीनी की कीमत बढ़ सकती है। इस समय आलू जहां 40 रुपये पर इतरा रहा है वहीं 100 से 150 रुपये किलो बिक रहा अच्छी किस्म का प्याज लोगों के आंसू निकाल रहा है, अब चीनी भी कड़वी होने जा रही है। इसका मुख्य कारण है चीनी का उत्पादन कम होना है।
चीनी मिलों के शीर्ष संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार, चीनी उत्पादन 15 दिसंबर तक 35 प्रतिशत गिरकर 45.8 लाख टन पर आ गया है। चीनी बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि इसके चलते आने वाले दिनों में चीनी के दाम बढ़ सकते हैं। विपणन वर्ष 2018-19 की इसी अवधि में चीनी उत्पादन 70.5 लाख टन था। इस्मा के मुताबिक, 15 दिसंबर 2019 तक 406 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई चल रही है जबकि 15 दिसंबर 2018 तक 473 मिलें पेराई कर रही थीं। उल्लेखनीय है कि इस साल चीनी के वैश्विक उत्पादन में भी गिरावट की आशंका जताई गई है।
चीनी उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम-
उत्पादन गिरने का अनुमान इस्मा ने चालू विपणन सत्र में कुल चीनी उत्पादन 21.5 प्रतिशत गिरकर 2.6 करोड़ टन रहने का अनुमान जताया है। इस्मा ने बयान में कहा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम है। इसकी वजह दोनों राज्यों में मिलों का देर से काम शुरू करना है। इसके अलावा, गन्ने की पेराई से चीनी निकालने में भी पिछले साल के मुकाबले कमी आने की सूचना है।
बड़े राज्य में उत्पादन घटा-
देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में मिलों ने 15 दिसंबर तक 21.2 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 18.9 लाख टन था। महाराष्ट्र में चीनी मिलों ने15 दिसंबर 2019 तक 7.66 लाख टन चीनी का ही उत्पादन कर सकी हैं। इसकी तुलना में 15 दिसंबर 2018 तक 29 लाख टन का उत्पादन हुआ था।