लखनऊ। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में बजट अनुमान और वास्तवित प्राप्तियों में भारी अंतर पाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2022-23 के बजट में करीब 5.90 लाख करोड़ रुपये की आय का अनुमान लगाया गया था। इसकी तुलना में करीब 4.85 लाख करोड़ ही प्राप्त हुआ। इस प्रकार अनुमानित आय की तुलना में वास्तविक आय 1.05 लाख करोड़ रुपये कम हुई। सीएजी ने इसकी समीक्षा का सुझाव दिया है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में स्वयं के कर राजस्व में आय का अनुमान करीब 2.20 लाख करोड़ था, लेकिन वास्तव में 1.74 लाख करोड़ की आय ही हुई। इसमें 21 फीसदी की कमी दर्ज की गई। केंद्रीय करों के अंश में वृद्धि हुई है। इस मद में 1.46 लाख करोड़ मिलने का अनुमान था लेकिन, 1.69 लाख करोड़ प्राप्त हुए। गैर कर राजस्व 23406 करोड़ के अनुमान के एवज में 13489 करोड़ प्राप्त हुआ। इस मद में 42 फीसदी की कमी आई।
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भारत सरकार से सहायता अनुदान में 1.08 लाख करोड़ के बजाय 59919 करोड़ ही मिले। इसमें भी 44 फीसदी से ज्यादा कमी आई। ऋण एवं अग्रिमों की वसूली 2565 करोड़ रुपये की जगह 1337 करोड़ की हुई। इसमें 47 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई। लोक ऋण में 89174 करोड़ की जगह 66846 करोड़ मिले। इसमें भी 25 फीसदी की कमी आई। इस तरह कुल आय अनुमान की तुलना में एक लाख करोड़ से ज्यादा घट गई।