Breaking News

Unnatural sex : सुप्रीम कोर्ट में ‘पुरुष रेप’ संबंधी याचिका खारिज

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में पुरुषों से ‘रेप’ Unnatural sex संबंधी दायर याचिका ख़ारिज कर करते हुए मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि ये संसद का काम है और वही इस पर फैसला ले सकती है। वकील ऋषि मल्होत्रा द्वारा दायर की गई इस याचिका में मांग की गई थी कि महिलाओं को भी पुरुषों की तरह रेप और यौन उत्पीड़न जैसे मामलों में दंडित किया जाए क्योंकि पुरूष भी रेप के पीड़ित हो सकते हैं। कोर्ट ने इस मामले में कहा कि ऐसे कानून महिलाओं के सरंक्षण के लिए बनाए गए हैं।

Unnatural sex अपराध को जेंडर मुक्त

मालूम हो कि इस याचिका में ‘रेप’ जैसे अपराध को जेंडर मुक्त करने की सिफारिश की गई थी। याचिका में दलील दी गई थी कि यौन अपराध को लिंग के आधार पर तय नहीं किया जाना चाहिए,ये पुरुषों के मूल अधिकारों का भी हनन है।

क्या है वर्तमान कानून

वर्तमान कानून के मुताबिक अगर पुरुष अपने ‘रेप’ संबंधी शिकायत करता है तो आरोपी को धारा 377 के तहत सजा दी जाती है। पुरुषों से जुड़े ऐसे अपराधों को ‘रेप’ नहीं बल्कि अननेचुरल सेक्स (अप्राकृतिक यौनाचारा) की कैटेगरी में रखा जाता है।

ऐसी ही एक और याचिका

इस याचिका के ख़ारिज होने के बाद अभी भी फिलहाल शीर्ष अदालत में ऐसी ही एक और याचिका लंबित है। जिसमें कहा गया है कि समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर किया जाए और दूसरा यह कि सभी यौन अपराधों को लैंगिक-तटस्थता के आधार पर देखा जाए।

About Samar Saleel

Check Also

ऐशबाग-सीतापुर रेलखण्ड के मध्य चलाया गया संरक्षा जागरूकता अभियान

लखनऊ। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल में संरक्षा के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य हेतु मण्डल ...