अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अब तक यूक्रेन खिलाफ युद्ध में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल चुके होते है. उनके मुताबिक संभवत: भारत और चीन ने पुतिन को ऐसा करने से रोका होगा.
ब्लिंकन ने द अटलांटिक दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘इस युद्ध में पुतिन की प्रतिक्रिया अधिक तर्कहीन हो सकती थे. मॉस्को की तरफ से बार-बार ऐसी बातें कही जा रही थीं जिससे लगता था कि वे परमाणु हमले का इस्तेमाल कर सकता है. ये चिंता का विषय था.’
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, ‘हमने उन सभी देशों से जिनका इन दिनों रूस पर थोड़ा अधिक प्रभाव है जैसे कि चीन और भारत, अपील की कि वे पुतिन के सामने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ अपने विरोध को प्रदर्शित करें और हमें लगता है कि उन्होंने ये संदेश दिया और इसका कुछ असर भी हुआ.’
इस बीच जी-7 के नेताओं की वर्चुअल बैठक के बाद इस समूह ने एक संयुक्त बयान में कहा कि रूस की गैर जिम्मेदाराना परमाणु हमले संबंधी बयान अस्वीकार्य हैं तथा उसे रासायनिक, जैविक, विकिरण या परमाणु हथियारों के इस्तेमाल करने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. यह बैठक अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुलाई थी.
एंटनी ब्लिंकेन ने यह भी स्वीकार किया कि भारत और रूस के बीच दशकों पुराना संबंध है, लेकिन अब भारत और अमेरिका के बीच भी चीजें अनुकूल रूप से आगे बढ़ रही हैं. जी-7 देशों के नेताओं ने शुक्रवार को रूस से यूक्रेन में अपनी लड़ाई खत्म करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रों की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के मौलिक सिद्धांतों तथा मानवाधिकार के प्रति सम्मान पर हमला है. जी-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं.