Taj Mahal दुनियाभर के लोगों के लिए प्रेम के निशानी का स्वरुप माना जाता है। इस पर मालिकाना हक़ के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड ने एक याचिका दायर की। लेकिन कोर्ट ने ऐसा जवाब दिया जो किसी के लिए भी संभव नहीं है।
Taj Mahal पर मालिकाना हक़ के लिए याचिका
उत्तर प्रदेश सु्न्नी वक्फ बोर्ड ने याचिका दायर करके सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि उसे Taj Mahal का मालिकाना हक दिया जाए, जिसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शाहजहां से दस्तावेज साइन कराकर लाइए।
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड को एक हफ्ते का समय दिया है और उसे शाहजहां के साइन कराकर लाने का कहा है, यहां गौर करने वाली बात यह है कि शाहजहां की मृत्यु 1666 में हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने बोर्ड से कहा है कि वह ये दस्तावेज लेकर आए जिससे कि यह साबित हो ताजमहल उनकी संपत्ति है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि कौन भरोसा करेगा कि ताज महल वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। इस तरह के मुद्दों से सुप्रीम कोर्ट का समय नहीं बर्बाद करना चाहिए।
जेल के भीतर से ही ताजहमल को देखता था
दीपक मिश्रा ने सवाल किया, ‘उन्होंने (शाहजहां) ने हस्ताक्षर कैसे किए? वह जेल में थे और वहीं से ताजमहल देखते थे।’
बेंच के इन सवालों का जवाब देने और दस्तावेज लाने के लिए वीवी गिरि ने समय मांगा। कोर्ट ने उन्हें एक हफ्ते का समय दिया है।