लखनऊ। माता गुजरी सत्संग सभा की ओर से सरबंसदानी साहिब गुरू गोबिन्द सिंह महाराज के चारों साहिबजादों (साहिब अजीत सिंह, साहिब जुझार सिंह, साहिब जोरावर सिंह, साहिब फतहि सिंह) एवं उनकी माता गुजर कौर का पावन शहीदी दिवस ऐतिहासिक गुरूद्वारा नानक देव नाका हिन्डोला लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर प्रातः सुखमनी साहिब के पाठ से दीवान का आरम्भ हुआ, तत्पश्चात हजूरी रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह ने पवित्र आसा दी वार का शबद कीर्तन गायन द्वारा समूह संगत को निहाल किया।
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इससे पहले 13 दिसम्बर को शहीदी दिवस को समर्पित रखे गये सहज पाठ की समाप्ति के उपरान्त मुख्य ग्रन्थी ज्ञानी सुच्चा सिंह पटियाला वालों ने सरबंसदानी साहिब गुरू गोबिन्द सिंह महाराज के चारों साहिबजादों एवं उनकी माता, माता गुजर कौर का शहीदी दिवस पर कथा व्याख्यान करते हुए कहा कि चमकौर की गढ़ी में गुरू गोबिन्द सिंह के बडे़ साहिबजादे बाबा अजीत सिंह एवं बाबा जुझार सिंह ने 10 लाख मुगल फौज का सामना करते हुए शहादत प्राप्त की और गुरू गोबिन्द सिंह के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह एवं बाबा फतहि सिंह ने जब इस्लाम नहीं कबूल किया तो उन्हें सरहंद के नवाब ने सरहंद में ही जिन्दा नींव में चुनवा कर शहीद कर दिया। यह ऐतिहासिक घटना सन 1704 के दिसम्बर माह में हुई थी। अपने पोतों की शहादत के बाद माता गुजर कौर ने भी अपने प्राण त्याग दिये।
सुखमनी साहिब सेवा सोसाइटी के सदस्यों ने मित्तर प्यारे नूँ हाल मुरीदां दा कहना सिमरन साधना परिवार के बच्चों ने सूरा सो पहचानिअै लरै दीन के हेत। पुरजा-पुरजा कट मरे कबहु न छाडै खेत। शबद कीर्तन गायन कर समूह संगत को भाव विभोर किया। रागी जत्था भाई इंदरजीत सिंह सादिक अमृतसर वालों ने गुर किरपा जिह नर कउ कीनी तिह इह जुगति पछानी। शबद कीर्तन गायन कर साध संगत को निहाल किया। बीबी जसप्रीत कौर लुधियाना वालों ने साच कहों सुन लहो सभै जिन प्रेम कीओ तिन ही प्रभु पाइयो। पहिला मरणु कबूलि जीवन को छड़ि आस, होहु समना की रेणुका तउ आउ हमारे पासि। गायन कर समूह संगत को निहाल किया। दिन भर गुरबाणी कीर्तन तथा गुरमत विचारों का कार्यक्रम चला जिसका संचालन सरदार सतपाल सिंह मीत ने किया।
दीवान की समाप्ति के उपरान्त लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष सरदार राजेन्द्र सिंह बग्गा ने चारों साहिबजादों एवं माता गुजर कौर की शहादत को एक बड़ी शहादत कहा और अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। समागम में लंगर के वितरण की सेवा हरमिन्दर सिंह टीटू एवं कुलदीप सिंह सलूजा की देखरेख में दशमेश सेवा सोसाइटी के सदस्यों द्वारा की गयी। जोड़ा घर में जूते-चप्पल की सेवा सिक्ख सेवक जत्थे के राजवन्त सिंह बग्गा, कुलवन्त सिंह आदि द्वारा की गई।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी