अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल कर कहा है कि मेरे खिलाफ मीडिया ट्रायल चल रहा है। पिछले कुछ समय में दूसरे अभिनेताओं ने भी खुदकुशी की है लेकिन सुशांत के केस को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। इस मामले पर कल यानि 11 अगस्त को सुनवाई होने वाली है। रिया चक्रवर्ती ने हलफनामे में कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री ने खुद एफआईआर दर्ज होने में दिलचस्पी दिखाई है। बिहार सरकार द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश करना कानूनन गलत है। अगर कोर्ट सीबीआई जांच का आदेश भी देती है तो भी मामला मुंबई में चलना चाहिए न कि पटना में। इस मामले में महाराष्ट्र सरकार ने सीबीआई जांच का विरोध किया है। महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि बिहार सरकार ने नियमों के खिलाफ जाकर काम किया है। बिहार सरकार के पास केवल जीरो एफआईआर दर्ज करने का अधिकार था। उन्हें जीरो एफआईआर दर्ज कर महाराष्ट्र सरकार के पास भेजना चाहिए था। बिहार सरकार ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी जिसका उन्हें कोई अधिकार नहीं था। जब जांच ही गैरकानूनी है तो बिहार सरकार सीबीआई जांच की अनुशंसा कैसे कर सकती है।
सुशांत के पिता केके सिंह ने कहा है कि सीबीआई को जांच का जिम्मा मिलने के बाद इस याचिका पर सुनवाई ज़रूरी नहीं। रिया ने खुद भी सीबीआई जांच की मांग की थी। अब एतराज़ नहीं कर सकती। सुशांत के पिता ने कहा है कि पटना में एफआईआर दर्ज होना कानूनन सही था। एफआईआर को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग गलत है। सुशांत के पिता ने कहा है कि मुंबई पुलिस ने पटना पुलिस से सहयोग नहीं किया। आईपीएस अधिकारी को जबरन क्वारंटाइन किया गया। रिया ने याचिका के पैराग्राफ 7 में खुद लिखा है कि जांच सीबीआई को देने पर उसे कोई एतराज़ नहीं है। सुशांत के पिता ने कहा है कि रिया की याचिका पर आगे सुनवाई की ज़रूरत नहीं है। इस मामले में केंद्र सरकार ने याचिका दायर कर पक्षकार बनाने की मांग की है। इस मामले में बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। बिहार सरकार ने कहा है कि सुशांत के पिता ने शिकायत दी है कि सुशांत के बैंक खाते से 15 करोड़ रुपये निकाले गए। सुशांत ऐक्टिंग छोड़कर कुर्ग में जैविक खेती करना चाहते थे। लेकिन रिया उनको मानसिक तौर पर परेशान कर रही थी। सुशांत को आत्महत्या के लिए मजबूर किया।
बिहार सरकार ने कहा है कि संज्ञेय अपराध की जानकारी मिलने पर एफआईआर दर्ज करना पुलिस की ज़िम्मेदारी है। जांच के लिए गई बिहार पुलिस को कोई सहयोग नहीं मिला। आईपीएस विनय तिवारी को जबरन क्वारंटाइन कर दिया गया। बिहार पुलिस का मानना है कि घटना के तार कई जगहों से जुड़े हैं। इसलिए सीबीआई जांच की सिफारिश की गई। अब सीबीआई ने केस अपने हाथ में ले लिया है ऐसे में रिया की याचिका पर सुनवाई की ज़रूरत नहीं है। पटना में दर्ज एफआईआर कानूनन सही थी। अपराध का सीधा असर सुशांत के पिता पर पड़ा, जो पटना में रहते हैं। जांच की शुरुआत में ही रिया की तरफ से ट्रांसफर की मांग विचार योग्य नहीं। बिहार सरकार ने रिया चक्रवर्ती की याचिका खारिज करने की मांग की है। कोर्ट ने पिछली 5 अगस्त को पुलिस से अब तक जांच की स्टेटस रिपोर्ट तलब की थी। जस्टिस ऋषिकेष राय की बेंच ने मुंबई पुलिस को तीन दिनों के अंदर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने बिहार सरकार और सुशांत के पिता केके सिंह को नोटिस जारी कर रिया चक्रवर्ती की याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया था कि बिहार सरकार की सीबीआई जांच की सिफारिश को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। मेहता ने कहा था कि बिहार सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। केंद्र ने इसे स्वीकार करने का फैसला लिया है। लिहाजा रिया की ट्रांसफर याचिका पर सुनवाई की ज़रूरत नहीं है। रिया चक्रवर्ती ने अपने खिलाफ फटना में दर्ज एफआईआर को मुंबई ट्रांसफर करने के लिए याचिका दायर की है। रिया चक्रवर्ती ने याचिका में पटना में दर्ज एफआईआर को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि मुंबई में पहले से जांच चल रही है। एक ही घटना की दो जगह जांच नहीं हो सकती। सुशांत सिंह के पिता ने पटना में एफआईआर दर्ज करवाया था। एफआईआर में रिया चक्रवर्ती को सुशांत के सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। रिया पर सुशांत सिंह राजपूत के बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर होने का आरोप लगाया गया है।