शब्दों के भावार्थ को समझने में दिमाग लगाना पड़े ऐसे लेखन को ज़्यादातर पाठक आधा छोड़ देते है, पढ़ते-पढ़ते लेखक की भावनाओं के साथ बहते चले जाए ऐसा लेखन हर कोई पसंद करता है। माना कि शब्दों की मायाजाल से उलझते कुछ भी लिख लेना साहित्य शिल्पीयों के बायें हाथ ...
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