अभी मंगरा का बचपना ठीक से खत्म भी नहीं हुआ था कि बदमाशियां उसकी शुरू हो गई थी, उसका जीने का ढंग ही बदल गया था और तभी उसके साथ वह हादसा हो गया था। उसी के खातिर वैध साधू महतो को हमारे घर आना पड़ा था। आज ही सुबह। ...
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