स्वतन्त्रता संग्राम में अनेक सेनानियों ने संस्कृतिक राष्ट्रवाद की अलख जगाई थी। इनका मानना था कि भारत कभी विश्वगुरु था। सांस्कृतिक रूप में बहुत समृद्ध था। किंतु राष्ट्रीय स्वाभिमान का विचार कमजोर पड़ने से देश कमजोर हुआ। इसका लाभ विदेशी आक्रांताओं ने उठाया। इसलिए स्वतन्त्रता के साथ ही सांस्कृतिक स्वाभिमान ...
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