भारतीय अवधारणा में हिरण्यगर्भ, जिसे पाश्चात्य विज्ञान बिगबैंग के रूप में देखता है। इससे अस्तित्व में आए इस दृष्यादृष्य जगत के सभी प्रपंच चाहे वह जड़ हों या चेतन, सभी निर्विवाद रूप से शक्ति के ही परिणाम हैं। हम सभी की श्वांस-प्रश्वांस प्रणाली, रक्त संचार, हृदय की धड़कन, नाड़ी गति, ...
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