मैं कविता हूँ आंखों में उतरती लफ़्जों में तैरती कहानी नहीं अब हकीकत सी लगती हां मैं कविता हूँ ! शब्दों को छूकर रुह को टटोलती सुकून पाकर मन की सहेली हां मैं कविता हूँ ! मौन कल्पनाओं का स्वर शब्दों का संयोजन किरदारों का आकाश तर्कों पर वार हां ...
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