स्वतन्त्र भारत में पहली बार भारतीय परिवेश के अनुरूप नई शिक्षा नीति का निर्माण किया गया है। शैक्षणिक रूप में प्राचीन भारत सदैव शिखर पर रहा। उसे विश्वगुरु कहा जाता था। विदेशी आक्रांताओं ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचाया। स्वतन्त्रता के बाद भी राष्ट्रीय गौरव व स्वाभिमान के ...
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