आज चतुरी चाचा अपने प्रपंच चबूतरे पर कुछ सुकून से बैठे थे। बड़को काकी व नदियारा भौजी उनको गांव के हालचाल बता रही थीं। मेरे पहुंचते ही बड़को काकी अपनी बहुरिया के साथ खेतों की तरफ रवाना हो गईं। चतुरी चाचा बोले- अब कोरोना का संक्रमण दर थोड़ा कम हुआ ...
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