वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पति के अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार के फैसलों की आलोचना पर जवाब दिया है। वित्तमंत्री के पति, अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने हाल ही में सरकार के अर्थव्यस्था को लेकर लिए जा रहे फैसलों से नाइत्तेफाकी जाहिर करते हुए कहा है कि मौजूदा सरकार को पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की नीतियों से सीखने की जरूरत है। इस पर वित्तमंत्री ने कहा है कि उनकी सरकार ने अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए कई कदम उठाएं हैं और उठा रही है।
अपने पति की ओर से ही आलोचना का सामने करने पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल, 2014 से 2019 के बीच कई मूलभूत सुधार हुए। जीएसटी को लाया गया, आईबीसी और आधार को बढ़ाया गया। उज्ज्वला योजना से आठ करोड़ महिलाओं के घरों तक सिलेंडर पहुंचा। इस साल बजट के बाद टैक्स रिफॉर्म किया गया। वहीं बिजनेस में आसानी से लिए कदम उठाए गए हैं। एक अक्टूबर के बाद बिजनेस शुरू करते हैं तो बेहद कम टैक्स देना होगा। ये सब काम हमारी सरकार ने किए हैं।
वित्तमंत्री सीतारमण के पति अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर अखबार में लिखे एक लेख में कहा है कि देश में आर्थिक मंदी को लेकर हर ओर चिंता है। सरका इससे इनकार कर रही है, लेकिन कई प्रतिष्ठित संस्थानों के डेटा साफ कर रहे हैं कि आर्थिक सुस्ती का असर कितना ज्यादा है। 2019-20 की पहली तिमाही में सुस्त हुई जीडीपी के आंकड़ों से साफ है कि सरकार के पास इन समस्याओं के लिए कोई रोडमैप नहीं है। वो इसके लिए जवाहर लाल नेहरु और कांग्रेस की आलोचना करके ही अपने करतूतों को छुपाती रहती है। जबकि सच्चाई यह कि ये समस्या मोदी सरकार के समय ही आई है।
प्रभाकर ने मौजूदा सरकार को सलाह देते हुए लिखा है कि देश की आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के आलोचना की जगह नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह के आर्थिक मॉडल पर मोदी सरकार काम करे। बता दें कि बीते कुछ समय से देश की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। लगातार नौकरियां जा रहीं हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां काम बंद कर रही हैं। अर्थशास्त्री लगातार इस बात को कह रहे हैं कि देश की अर्थव्यस्था गलत दिशा में जा रही है और सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही।