साहित्य व समाज सेवा को प्रायः अलग क्षेत्र माना जाता है। लेकिन इन दोनों के बीच समन्वय बनाकर चलने वालों की भी कमी नहीं है। स्वतन्त्रा आंदोलन के अनेक सेनानी उच्च कोटि के लेखक भी थे। वरिष्ठ साहित्यकार सम्पूर्णानन्द उत्तर के मुख्यमंत्री रहे। इस समय उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष ...
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