कोरोना संकट अभूतपूर्व है। इसका सामना पहली बार किया जा रहा है। इसका प्रभाव जीवन के प्रत्येक पहलू पर है। संसद का सत्र भी इससे अलग नहीं है। संविधान के अनुसार संसद के दो सत्रों के बीच छह माह से अधिक का समय नहीं होना चाहिए। इसलिए सत्र अपरिहार्य था। ...
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