हिंदुत्व की व्यापक अवधारणा है। यह वस्तुतः जीवन पद्धति है। जिसमें उपासना पद्धति से कोई अंतर नहीं पड़ता। अन्य पंथ के प्रति नफरत कट्टरता या आतंक का विचार स्वतः समाप्त हो जाता है। तब वसुधैव कुटुंबकम व सर्वे भवन्तु सुखिनः का भाव ही जागृत होता है। भारत जब विश्व गुरु ...
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