भारतीय चिंतन में जल संरक्षण को बहुत महत्व दिया गया। नदियों व जल स्रोतों को दिव्य भाव में प्रतिष्ठा दी गई। प्राचीन भारत के ऋषि युग द्रष्टा थे। इसलिए उन्होंने जल की प्रत्येक बून्द को उपयोगी माना। यह उस समय का चिंतन था जब भारत की नदियों में अविरल निर्मल ...
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