लखनऊ। पता नहीं हमारे नेताओं के पास कौन सा तंत्र (मैकनिजम) है जो उन्हें किसी घटना या घोटाले की तह तक पहुंचने में जरा भी देर नहीं लगती है। इधर खबर छपी और उधर नेता निष्कर्ष पर पहुंच जाते हैं। पूरे घटनाक्रम का तानाबाना तैयार हो जाता है कि कैसे ...
Read More »