रायबरेली। ऊंचाहार में मोहब्बत के सामने धर्म और जाति के बंधन नगण्य हो जाते है। हसीरून निशा की मुहब्बत की राह में मजहब आयी तो उसने इस मजहबी दीवार को तोड़ दिया और मालती बनकर अपने प्यार को हासिल कर लिया। इस मुकाम तक पहुँचने के लिए उसने बीस साल का ...
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