जीएसटी परिषद शनिवार को राजस्थान के जैसलमेर में हो रही बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर की दर कम करने, महंगी कलाई घड़ियों, जूतों और परिधानों पर कर की दर बढ़ाने और हानिकारक वस्तुओं के लिए अलग से 35 प्रतिशत कर स्लैब पर विचार करने पर विचार कर सकती है।
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में लगभग 148 वस्तुओं पर लगाने वाले दर में फेरबदल पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा, एयरलाइन उद्योग की परिचालन लागत के एक प्रमुख घटक एविएशन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) को माल व सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर भी विचार-विमर्श हो सकता है।
फिटमेंट कमेटी (जिसमें केंद्र और राज्यों के कर अधिकारी शामिल हैं) ने अपने प्रस्ताव परिषद् को सौंप दिए हैं। स्विगी और जोमैटो जैसे खाद्य वितरण प्लेटफार्मों पर जीएसटी दर को वर्तमान 18 प्रतिशत (आईटीसी के साथ) से घटाकर 5 प्रतिशत (इनपुट टैक्स क्रेडिट के बिना) करने का प्रस्ताव है।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों और छोटे पेट्रोल व डीजल वाहनों की बिक्री पर जीएसटी बढ़ सकता है
वहीं, इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रिक गाड़ियों और छोटे पेट्रोल और डीजल वाहनों की बिक्री पर जीएसटी को मौजूदा 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत तक करने का भी प्रस्ताव रखा है। सूत्रों के अनुसार, इस बढ़ोतरी से इस्तेमाल की गई और पुरानी छोटी कारें व इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दरें पुराने बड़े वाहनों के बराबर हो जाएंगे।
इसके अलावा, जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए जून, 2025 तक छह महीने का विस्तार मिलने की संभावना है। क्षतिपूर्ति उपकर व्यवस्था मार्च, 2026 में समाप्त हो जाएगी, और जीएसटी परिषद ने उपकर का भविष्य तय करने के लिए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के नेतृत्व में मंत्रियों का एक पैनल गठित किया है।