गणतंत्र दिवस से पहले दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में आतंकी साजिश का भंडाफोड़ किया है। जहांगीरपुरी इलाके से पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए दो आतंकियों के अलावा चार अन्य संदिग्ध आतंकवादी की तलाश कर रही है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
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दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, संदिग्धों ने ड्रॉप-डेड मैथर्ड के जरिए पाकिस्तान से हथियार प्राप्त किए। कहा गया कि संदिग्ध सोशल मीडिया ऐप के जरिए पाकिस्तान में मौजूद अपने आकाओं के संपर्क में थे। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को उत्तराखंड में एक अज्ञात स्थान पर हथियार मिले हैं, जिसकी पुष्टि की जा रही है।
बता दें कि जनवरी की शुरुआत में दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके से दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकियों को विभिन्न राज्यों में टारगेट किलिंग को अंजाम देने का काम सौंपा गया था। ताजा घटनाक्रम में दिल्ली पुलिस को मॉड्यूल में 8 लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली है। पुलिस को इस समय भारत में चार संदिग्धों की संभावित मौजूदगी का संदेह है।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने सोमवार को दावा किया कि जहांगीरपुरी इलाके से गिरफ्तार किए गए दो संदिग्धों को 27 जनवरी और 31 जनवरी को दक्षिणपंथी नेताओं की हत्या को अंजाम देने का काम सौंपा गया था। दिल्ली पुलिस ने जानकारी दी थी कि जहांगीरपुरी के भलस्वा डेयरी इलाके में दो आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। उनके घरों से दो हैंड ग्रेनेड भी बरामद किए हैं। गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकियों के पास से तीन पिस्तौल और 22 जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं।
दोनों आतंकियों की पहचान जगजीत सिंह (29) और नौशाद (56) के रूप में हुई है। उन्हें शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया और 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। पुलिस सूत्रों ने बाद में दावा किया कि पंजाब और दिल्ली के तीन दक्षिणपंथी नेता उनकी हिट लिस्ट में थे। उन्होंने अपने दो टारगेट को पूरा करने के लिए तारीख और समय भी निर्धारित कर लिया था।
सूत्रों ने कहा कि आतंकियों को पहले टारगेट को मारने पर 50 लाख रुपये, दूसरे को मारने के लिए 1 करोड़ रुपये और तीसरे को खत्म करने के लिए 1.5 करोड़ रुपये मिलने थे। सूत्रों ने दावा किया कि दोनों को हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से टोकन मनी के रूप में 5 लाख रुपये भी मिले थे।
दिल्ली पुलिस ने पहले कहा था कि उसके पास जानकारी है कि जगजीत सिंह के खालिस्तानी आतंकवादी अर्शदीप दल्ला से संबंध हैं। शहर पुलिस ने कहा कि वह कुख्यात बंबीहा गिरोह का सदस्य भी है और विदेशों में स्थित राष्ट्र-विरोधी तत्वों से निर्देश प्राप्त कर रहा है, वह उत्तराखंड में एक हत्या के मामले में पैरोल जम्पर भी है।
वहीं, नौशाद हरकत-उल-अंसार (एचयूए) से भी जुड़ा हुआ है, जो एक आतंकवादी समूह है जो पाकिस्तान में स्थित है और मुख्य रूप से जम्मू और कश्मीर में संचालित होता है। नौशाद हत्या के दो मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट चुका है और विस्फोटक अधिनियम के तहत एक मामले में 10 साल की सजा भी काट चुका है।