राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला वन मंत्री हेमाराम चौधरी (Hemaram Choudhary) से जुड़ा हैं। उन्होंने वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि लंबे समय से पदों पर काबिज सीनियर नेताओं को युवाओं के लिए कुर्सी छोड़ देनी चाहिए।
हेमाराम ने पायलट (Sachin Pilot) के समर्थन में कहा कि सचिन पायलट ने पांच साल संघर्ष किया। उसके बाद कांग्रेस सत्ता में आई। लेकिन आज पायलट के पास कोई पद नही हैं। इसके बावजूद इतनी बड़ी संख्या में लोग उन्हें सुनने आए यह दर्शाता हैं कि जनता का असीम प्यार उनके साथ हैं।
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हेमाराम ने सीनियर नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर युवाओं को मौका नही दिया तो धक्के मारकर कब्जा कर लेंगे। फिर क्या इज्जत रहेगी। उन्होंने कहा कि राजनीति कभी सेवा का माध्यम थी, लेकिन अब व्यवसाय बन चुकी है। मैं 1973 सेे राजनीति में हूं, मुझे 50 साल राजनीति में हो गए और मेरी उम्र 75 हो गई, फिर भी मैं राजनीति के डटा रहूं, दूसरों को मौका नही दूं तो यह उचित नहीं।
वन मंत्री हेमाराम चौधरी को सचिन पायलट का समर्थक माना जाता हैं। 2020 में हुई बगावत में हेमाराम चौधरी भी पायलट के साथ बगावती नेताओं में शामिल थे। उसके बाद हेमाराम चौधरी को केबिनेट में मंत्री बनाया गया था। खास बात यह है कि हेमाराम जयपुर में सरकार के चिंतन शिविर में शामिल ना होकर पायलट के किसान सम्मेलन में पहुंचे।
हेमाराम ने दबी जुबान बिजली किल्लत को लेकर सरकार पर निशाना साधा। राजस्थान में बिजली के हालात क्या हैं? जब बिजली देनी ही नहीं थी तो पहले बता देते, हम सत्ता में हैं, इसलिए कह नहीं सकते।