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मिस्र की इस 3200 साल पुरानी ममी को जिसने भी छुआ हो गई उसकी मौत, कोई नहीं जानता इसका रहस्य

मिस्र का नाम आते ही हर किसी ने मन में कुछ चीजें जो आती हैं उसमें ममी, मकबरा, पिरामिड है. प्राचीन मिस्र में लोगों को एक ताबूत में बंद करके दफनाने के प्रचलन था. इसीलिए यहां पर अक्सर खोजकर्ताओं को ममी मिलती रहती है. कई खोजकर्ता ऐसे में है जो दिन रात एक करके ममी को खोजते रहते है. कुछ सालों पहले मिस्र में एक ऐसी ही ममी मिली थी. हालांकि ये ममी दूसरे के मुकाबले काफी अगल थी. कहा जाता है कि जिस किसी भी व्यक्ति ने इसे छुआ को कभी जिंदा ना बचा.

हम जिस रहस्यमयी ममी की बात कर रहे हैं वो मिस्र के सबसे कम उम्र के राजा तूतेनखामून की थी. कहा जाता है कि तूतेनखामून की ममी करीब 3200 सालों तक जमीन के अंदर दफन रही. ब्रिटिश पुरातत्वविद् हॉवर्ड कार्टर द्वारा किंग्स की घाटी में 22 नवंबर, 1922 ने खोजा था. तूतेनखामून के बारे में जो जानकारी उपलब्ध है, उसके मुताबकि तूतेनखामून नौ साल की उम्र में 1333 ईसा पूर्व में सिंहासन पर चढ़ा और 17 से 19 साल के बीच उनकी मृत्यु तक शासन किया.

कहा जाता है कि जब तूतेनखामून की ममी की खोज हुई तो उस दौरान उसकी कब्र के नीचे से खोजकर्ताओं को एक सीढ़ियां मिली जिसके जरिए वो एक कमरे तक पहुंचे. जैसे ही पुरातत्ववेत्ताओं उस कमरे में गए वो हैरान रह गए क्योंकि यह कमरा सोने चांदियों से भरा हुआ था.

तूतेनखामून के मकबरे के दरवाजे पर मिस्र की प्राचीन भाषा में एक चेतावनी भी लिखी हुई थी. इसमें साफ तौर पर लिखा था कि जो भी राजा तूतेनखामून की शांति को भंग करेगा, उसकी मौत हो जाएगी. लेकिन पुरातत्ववेत्ताओं ने इसको नजदअंदाज किया. जिसका असर ये हुआ कि हॉवर्ड कॉर्टर की टीम के सभी सदस्यों की एक एक करके कुछ ही समय बाद मौत हो गई. इन सभी लोगों ने मिलकर कब्र से तूतेनखामून की ममी हटाकर खजाना निकाला था. इतना ही नहीं जिस व्यक्ति ने काटर को तूतेनखामून की कब्र और खजाना खोजने की जिम्मेदारी दी थी, कुछ दिनों के अंदर उसकी भी मौत हो गई. कहा जाता है कि इसके बाद जिस भी व्यक्ति ने तूतेनखामून की ममी को देखा को पागल हो गए थे या फिर किसी ना किसी कारण से उनकी मौत हो गई थी. इन सभी घटनाओं के बाद से ही इस ममी को शापित माना जाता है.

हालांकि कहा जाता है कि इसके कुध दिनों बाद इस ममी को वापस ताबूत में रखकर उसी जगह दफना दिया गया था लेकिन बाद में लॉर्ड जॉर्ज कारनारवन की बेटी लेडी एवलिन के आदेश पर इसे वापस कब्र से निकालकर लंदन लाया गया. लेडी एवलिन इस ममी से काफी प्रभावित थीं कि हर दिन इसे देखने म्यूजियम जाती थीं. एक दिन ममी को देखने के बाद उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ गया और उनकी मौत हो गई.

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