खैराबाद/सीतापुर। स्थानीय दरगाह निज़ामी हज़रत छोटे मखदूम साहब की दरगाह में मखदूम सैय्यद निज़ामुद्दीन अला दिया अलैहिर्रहमा का 4 दिवसीय 451वां तथा आपके सपुत्र मखदूम सैय्यद अबुल फतेह अलैहिर्रहमा का 433वां वार्षिक उर्स 1अक्टूबर 2022 से प्रारम्भ हो रहा है जिसका समापन 4अक्टूबर को छोटे मखदूम साहब के क़ुल शरीफ के बाद हो जाएगा।
दरगाह शरीफ के सज्जादानशीन सैय्यद अज़ीज़ुल हसन रिज़वी उर्फ मदनी मियां ने बताया कि उर्स की समस्त तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं और उर्स में आने वाले ज़ायरीन श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। उर्स के कार्यक्रम के सम्बन्ध में श्री हसन ने बताया कि 1 अक्टूबर की रात ख्वाजा क़ुतुब साहब की शब होगी तथा 2 अक्टूबर को सुबह क़ुरआन ख़्वानी तथा दोपहर में ज़ोहर की नमाज़ के बाद क़व्वाली होंगी तथा ख्वाजा क़ुतुब साहब का क़ुल होगा।
इसी रात आपके सुपुत्र की शब होगी और 3 को सुबह क़ुरआन ख्वानी तथा ज़ोहर के बाद महफिले समा क़व्वाली शुरू होंगी और असर की नमाज़ से पूर्व क़ुल मखदूम सैय्यद अबुल फतेह अलैहिर्रहमा होगा। इसी क्रम में 3 तारीख़ को ही रात में छोटे मखदूम साहब का संदल दरगाह हज़रत बड़े मखदूम साहब से उठेगा और बाद में दरगाह पर क़व्वाली होंगी। तत्पश्चात संदल पेश किया जाएगा 4 अक्टूबर को प्रातः क़ुरआन ख्वानी 10 बजे से मीलाद शरीफ़ तत्पश्चात ग़ुस्ल मज़ार मुबारक होगा और दोपहर बाद क़वाली शुरू होंगी जबकि असर की नमाज़ के बाद 5:30बजे छोटे मखदूम साहब का क़ुल शरीफ होगा।
सज्जादानशीन ने बताया कि बाहर से आने वाले सभी ज़ायरीन के ठहरने व भोजन का प्रबन्ध दरगाह की ओर से गत वर्षों की भांति किया गया है। बाहर से आने वालों में मुम्बई, मैसूर कर्नाटक, दिल्ली,कलकत्ता, राजस्थान, आदि प्रांतों से प्रमुख हैं।