कोरोना वायरस के कहर से पाकिस्तान बेहाल होता जा रहा है. पूरे पाकिस्तान में लॉकडाउन जैसे हालात हैं और लोग दहशत में जी रहे हैं. इस बीच कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या पाकिस्तान में 453 पहुंच गई है. अब तक बीमारी से दो लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. सबसे ज्यादा मामले पाकिस्तान की बेहद घनी आबादी वाले प्रांत सिंध से आ रहे हैं.
सिंध की राजधानी कराची में अफरातफरी का माहौल है. सिंध प्रांत में अब तक 245 मामले सामने आए हैं जो पाकिस्तान में सबसे ज्यादा हैं. हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कराची में हजारों लोग जांच कराने के के लिए अस्पतालों का रुख कर रहे हैं. इससे पहले से ही मरीजों की भारी भीड़ का सामना कर रहे हॉस्पिटल और वहां काम कर रहे लोगों की हालत खराब है. इससे अस्पतालों में अफरातफरी का माहौल हो गया है.
कराची के डाउ यूनिवर्सिटी में डॉक्टर शोभा लक्ष्मी ने पाकिस्तानी अखबार डॉन से बातचीत में कहा, ‘अगर हम मरीजों के पिछले केस हिस्ट्री के आधार पर उन्हें मना कर देते हैं तो वे हमारे आसपास ही मंडराते रहते हैं और गुस्सा हो जाते हैं. कुछ लोग तो गाली भी दे देते हैं. लोगों को समझाया गया है कि वे एक-दूसरे से दूरी बनाकर रहें लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं.’
कई दिनों से लगातार काम करते हुए बेहद थकी नजर आ रही लक्ष्मी ने कहा कि पाकिस्तानी हेल्थ सिस्टम इस महामारी से लड़ने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि हालत यह है कि अस्पताल के लोगों का ही इलाज नहीं हो पा रहा है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के अस्पताल आपातस्थिति के लिए तैयार नहीं है. ये अस्पताल आज भी आजादी के समय की व्यवस्था पर काम कर रहे हैं. वर्ष 1947 से लेकर अब तक कई सरकारे आईं लेकिन किसी ने इस पर काम नहीं किया. प्राइवेट अस्पतालों की भी हालत बेहद खराब है. वे केवल पैसे कमाते हैं.