नई दिल्ली। हिन्दू महासभा नवनिर्वाचित हुये राष्ट्रीय अध्यक्ष त्रिदंडी महाराज ने संगठन की एकजुटता में पैदा की जा रही बाधाओं से निराश होकर आत्महत्या तक की बात कह दी है। त्रिदंडी महाराज और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रवीन्द्र द्विवेदी के बीच हुयी बातचीत का वायरल हो रहे ऑडियो ने झकझोर कर रख दिया है। इस आडियो में हाल में ही नवनिर्वाचित हुये राष्ट्रीय अध्यक्ष त्रिदंडी महाराज, अध्यक्ष पद के साथ पार्टी छोड़ने के लिये मजबूर दिखायी दिये। वायरल हो रहे इस ऑडियो को लेकर पार्टी के एक नेता ने पुष्टि करते हुये इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि एकजुटता के साथ तेजी के साथ आगे बढ़ रही हिन्दू महासभा की मजबूती कुछ वर्षों से सॉप की तरह कुंडली मारे बैठे लोगों को रास नहीं आ रहा है।
ऑडियो में वायरल- “हिन्दू महासभा में मेरा इस्तेमाल किया गया”
राष्ट्रीय अध्यक्ष त्रिदंडी महाराज राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रवीन्द्र द्विवेदी से साफ-साफ कहते सुने जा रहे है कि “हिन्दू महासभा में मेरा इस्तेमाल किया गया। इस बार हम राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ना नहीं चाहते थे, फिर भी लोगों में मुझे चुनाव लड़ने के लिये उतारा। यदि संगठन के हित में मेरी भूमिका ठीक नहीं है, तो हम राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने के लिये तैयार हैं। और रवीन्द्र द्विवेदी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनवा देता हूं।”
वार्ता के दौरान हुए त्रिदंडी महाराज भावुक, कह दी आत्महत्या करने तक की बात
वार्ता के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष त्रिदंडी महाराज इतना भावुक हो गये कि उन्होंने अपनी आत्महत्या तक करने की बात कह दी। हिन्दू महासभा के कुछ वरिष्ठ नेताओं से वायरल हो रहे ऑडियो पर बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन इस पर ज्यादा कुछ न कहते हुये इस बात की पुष्टि जरूर की कि इस ऑडियो में त्रिदंडी महाराज और रवीन्द्र द्धिवेदी की आवाज़ है। बातचीत में स्पष्ट हो रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में मौजूदा त्रिदंडी महाराज और रवीन्द्र द्धिवेदी चुनावी मैदान में थे। इसमें कहीं न कहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव में मिली हार की वजह से कुछ ऐसे विवाद पैदा किये जा रहे है, जिससे त्रिदंडी महाराज पार्टी छोड़ दें।
मनमाने ढंग से कार्य और अनुशासनहीनता के चलते, त्रीदंडी को मिला था ‘कारण बताओ नोटिस’
हिन्दू महासभा के एक नेता के मुताबिक बीते 22 दिसम्बर को हुये राष्ट्रीय अधिवेशन में त्रिदंडी महाराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर मुहर लगने के बाद, कुछ महत्वपूर्ण पदों पर पदाधिकारियों की भी घोषणा की गयी थी। इसमें रवीन्द्र द्धिवेदी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनाया गया था। इसके बावजूद वह अपने को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बताते हुये कई पदाधिकारियों की नियुक्तियाँ और निष्कासन कर रहे थे। इसके चलते उन्हें मनमाने ढंग से गलत कार्य करने व अनुशासनहीनता के चलते और बिना राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुमति के बिना, कार्यसमिति की बैठक बुलाने को लेकर 6 जनवरी को कारण बताओ नोटिस दिया गया था। कोई जवाब न मिलने पर बीते 23 जनवरी को उन्हें पदमुक्त करते हुये एक वर्ष के लिये निष्कासित कर दिया गया। बावजूद इसके वह विभिन्न राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को हटाकर नये अध्यक्षों की नियुक्तियाँ कर रहे है, जो कि पूरी तरह से गलत है।
Report-Anshul Gaurav