योग का नियमित अभ्यास वास्तव में याददाश्त में सुधार और मस्तिष्क को तेज करने में योगदान दे सकता है। यहां चार योगासन हैं जो याददाश्त बढ़ाने के लिए फायदेमंद माने जाते हैं:
पद्मासन (कमल मुद्रा): फर्श या योगा मैट पर क्रॉस लेग करके बैठें। प्रत्येक पैर को विपरीत जांघ पर रखें, तलवे ऊपर की ओर हों। अपनी रीढ़ सीधी रखें और हथेलियों को ऊपर की ओर रखते हुए अपने हाथों को घुटनों पर रखें। अपनी आंखें बंद करें और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। पद्मासन शांति और मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा देता है, एकाग्रता और स्मृति में सुधार करने में मदद करता है।
सर्वांगासन (कंधे का रुख): अपनी पीठ के बल लेटें और अपने पैरों को ऊपर उठाएं, अपने हाथों से अपनी पीठ के निचले हिस्से को सहारा दें। अपने कंधों पर संतुलन बनाते हुए, अपने हाथों से अपनी पीठ को सहारा देते हुए, धीरे-धीरे अपने पूरे शरीर को ऊपर उठाएं। अपनी कोहनियों को अपने शरीर के पास रखें और अपनी ठुड्डी को अंदर की ओर रखें। सर्वांगासन मस्तिष्क में रक्त परिसंचरण में सुधार करता है, जिससे याददाश्त, फोकस और समग्र मानसिक कार्य में वृद्धि होती है।
भ्रामरी प्राणायाम (मधुमक्खी श्वास): अपनी आंखें बंद करके आराम से बैठें। अपने अंगूठे का उपयोग करके अपने कान बंद करें, अपनी तर्जनी को अपने माथे पर रखें और शेष तीन उंगलियों को अपनी आंखों पर रखें। गहरी सांस लें और जैसे ही आप सांस छोड़ें, ध्वनि और कंपन पर ध्यान केंद्रित करते हुए मधुमक्खी की तरह धीमी गुनगुनाहट की आवाज निकालें। भ्रामरी प्राणायाम दिमाग को आराम देने, चिंता कम करने और याददाश्त में सुधार करने में मदद करता है।
पश्चिमोत्तानासन (बैठकर आगे की ओर झुकना): अपने पैरों को अपने सामने फैलाकर फर्श पर बैठें। अपनी बाहों को ऊपर की ओर फैलाएं और फिर धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें, अपने पैरों या टखनों तक पहुंचें। अपनी रीढ़ सीधी रखें और अपनी पीठ को गोल करने से बचें। पश्चिमोत्तानासन मन को शांत करता है, तनाव से राहत देता है और मस्तिष्क को उत्तेजित करता है, जिससे बेहतर याददाश्त और एकाग्रता को बढ़ावा मिलता है।