लखनऊ। नगर निगम के कैटल कैचिंग दस्तक ने नगर विकास मंत्री को खुश करने के लिए अमानवीयता की हदें पार करते हुए दुधारू गायों को ट्रकों में लाद दिया और दुधमुंहे बछड़ो को रंभाते हुए छोड़ कर चलते बने। बावजूद इसके विरोध कर रहे लोगों को पुलिस का भय दिखा कर शांत करा दिया गया। अब स्थिति ये है कि मासूम बछड़े अपनी माँ से मिलने के लिए रम्भाते हुए तड़प रहे हैं।
बताया जाता है कि पिछले दिनों नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन गोमती नदी के निरीक्षण के लिए कुड़िया घाट पर गये हुए थे। वहाँ नदी किनारे खूँटे से बंधे हुए गाय और भैंसों को देख कर नाराजगी जताई थी और इन्हें वहाँ से हटाए जाने के सख्त निर्देश दिए थे। इस निर्देश के अनुपालन में नगर निगम का कैटिल कैचिंग दस्ता बुधवार (7अप्रैल) की सुबह पुलिस बल और लावलस्कर के साथ कुड़िया घाट पहुँच गया। निगम कर्मचारियों ने खूँटे से बंधे गायों को तो खोल लिया। किन्तु मासूम बछड़ो को वहीं तड़पता हुआ छोड़ दिया।
स्थानीय लोगों ने इसका विरोध करते हुए आग्रह किया कि गायों के साथ उनके बछड़ों को भी साथ ले जाएं, जिससे ये बछड़े अपनी माँ के दूध से वंचित न रह सकें। बताया जाता है कि नगर निगम के कर्मचारियों ने पुलिस का भय दिखा कर सभी को शांत करा दिया और बछड़ों को छोड़ कर चले गये।
इस संबंध में नगर निगम पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक अरविंद राव का कहना है कि कैटिल कैचिंग दस्ते ने नौ गाय, नौ भैंस और एक बछड़े को पकड़ा था। वहाँ किसी भी बछड़े को छोड़े जाने की उन्हे कोई जानकारी नहीं है। उधर नगर निगम की इस कार्यवाही से लोगों में आक्रोश है। लोक परमार्थ सेवा समिति की प्रवक्ता श्रीश शर्मा, गौ सेवक लालू भाई आदि ने नगर निगम की इस की कड़ी निंदा करते हुए माँग की है बछड़ो को उनकी माँ के पास ले जाया जाए, जिससे ये बछड़े दूध से वंचित न रह पाये।