देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर ऑक्सीजन, दवा सप्लाई सहित अन्य मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. केंद्र सरकार ने मामले में रविवार को अपना हमलफनामा कोर्ट में दायर कर दिया है. ये सुनवाई न्यायाधीश डॉक्टर धनंजय वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ करेगी.
हलफनामे में कमजोर तबके के लिए वैक्सीन की उपलब्धता और उन्हें वैक्सीन देने को प्राथमिकता में रखने की बात कही गई है. भारत में लंबे समय से ही वैक्सीन की कीमत एक जरूरी मुद्दा रहा है, जिसे लेकर सरकार कई कोशिशों कर रही है, इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रयास जारी है. हलफनामे में कहा गया है कि विशेषज्ञों की सलाह पर सरकार की वर्तमान रणनीति, टीकाकरण के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना, साथ ही वैक्सीन का बिना किसी रुकावट के उत्पादन करना है.
यह भी कहा गया है कि इस मेडिकल संकट के समय नीति, रणनीति विशेषज्ञ चिकित्सा और वैज्ञानिक सलाह के आधार पर कार्यकारी द्वारा उठाए गए कदम की सराहना की जानी चाहिए. प्राइवेट अस्पतालों को COVID समर्पित स्वास्थ्य केंद्रों के रूप में भी नामित किया जा सकता है. इन अस्पतालों में बेड ऑक्सीजन की सुविधा के साथ होंगे. ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा कि समर्पित COVID स्वास्थ्य केंद्र (DCHC) उन सभी मामलों की देखभाल करेगा जिनपर चिकित्सकीय रूप से ध्यान देने की जरूरत है. 7 अप्रैल, 2020 को इस संबंध में जारी दस्तावेज में COVID केयर सेंटर (CCC) की स्थापना को लेकर मंथन किया गया था जो छोटे मामलों की देखभाल करेगा. इन्हें होस्टल, सरकारी और प्राईवेट स्कूलों में स्थापित किया गया है.वहीं, छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 मई से 18 से 45 साल की उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया था, लेकिन वैक्सीनेशन में सरकार ने कार्डधारकों को प्राथमिकता दी और सबसे पहले इस वर्ग का टीकाकरण शुरू किया.