वाराणसी। लोगों में टैटू बनवाने का शौक ज्यादा रहा है, लेकिन इन दिनों ट्रेंड उल्टा हो गया है। टैटू बनवाने के बजाय लोग मिटवा ज्यादा रहे हैं। हर महीने करीब 80 लोग टैटू बनवा रहे हैं। वहीं, 120 लोग मिटवाने के लिए दुकान पहुंच रहे हैं। इसका मुख्य कारण ब्रेकअप, आपस की लड़ाई, नौकरी, मन भर जाने पर दूसरा टैटू बनवाना आदि है।
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टैटू मिटवाने वालों में युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। इसके लिए युवा अधिक पैसे खर्च कर रहे हैं। देखा जाए तो टैटू बनवाने से ज्यादा पैसा टैटू हटवाने में लगता है। टैटू बनवाने में 500 से 3000 रुपये लगते हैं। वहीं मिटवाने में 1000 से 5000 रुपये लगते हैं। साथ ही एक टैटू के ऊपर दूसरा बनवाने पर 800 से 2000 रुपये लगते हैं।
टैटू आर्टिस्ट ने बताया कि पिछले छह महीने से टैटू मिटवाने वाली की संख्या ज्यादा देखी जा रही है। इसमें लड़कियों की संख्या ज्यादा है। जब हम उनसे पूछते हैं कि आप टैटू क्यों मिटवा रहीं हैं तो वे हमें बताती हैं हमारी शादी होने वाली है, पहले हम रिलेशनशिप में थे जिस कारण पार्टनर का नाम लिखवा लिया था अब मिटवा रहे हैं। या फिर रिलेशनशिप में अब लड़ाई हो गई है, जिस कारण मिटवा रहे हैं।
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वहीं लड़कों में देखा जाए तो ओम, शिव का त्रिशूल, साई बाबा का नाम, अपने माता का नाम लिखवाने के लिए आते हैं। जब मिटवाने आते हैं तो बताते हैं कि सेना में नौकरी, पुलिस में भर्ती, माता पिता की डांट के कारण मिटवा रहे हैं।