दुनिया में हर तरफ कोरोनावायरस कोहराम मचा रहा है. अब तक ये वायरस 80 से ज्यादा देश में फैल चुका हैं. दुनियाभर में कोरोना वायरस या कोविड-19 (COVID-19) से संक्रमित लोगों की संख्या 95 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है, जबकि 3200 से ज्यादा मौतें हो चुकी है. चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस दुनिया के अन्य देशों में भी तेजी से फैलता जा रहा है. भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में इस वायरस को लेकर लोग दहशत में हैं. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र (UN) के एक और अलर्ट ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. यूएन ने अपने ताजा अलर्ट में कहा है कि कोरोना वायरस से केवल इंसानों को ही नहीं, बल्कि इंटरनेट डिवाइस को भी खतरा है. हैकर्स इस वायरस का डर दिखा, इंटरनेट के माध्यम से लोगों को शिकार बना रहे हैं.
इस मामले को लेकर यूएन की स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया भर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए चेतावनी जारी की है. इस चेतावनी में बताया गया है कि इस खतरनाक महामारी के फैलने का फायदा अब साइबर अपराधी उठाने की कोशिश कर रहे हैं. ये लोग इंटरनेट के माध्यम से खुद को संयुक्त राष्ट्र व विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाओं का प्रतिनिधि बताकर लोगों से आर्थिक मदद मांग रहे. हैकर्स कोरोना वायरस से लड़ने के लिए केवल लोगों को आर्थिक नुकसान ही नहीं पहुंचा रहे, बल्कि उनका गोपनीय डाटा भी चोरी कर रहे हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोरोना वायरस के नाम पर लोगों को शिकार बनाने के लिए सोशल मीडिया और ईमेल आदि का सहारा लिया जा रहा है. इसके जरिए लोगों से प्रभावितों की आर्थिक मदद के लिए सीधे धन की मांग की जा रही है. इसका खतरा केवल यहीं तक सीमित नहीं है. हैकर्स गोपनीय जानकारी चुराकर आपके बैंक खाते अथवा ई-वॉलेट में सेंध लगाने की भी फिराक में हैं.ऐसा करके हैकर्स आपका पूरा बैंक खाता या ई-वॉलेट खाली कर सकते हैं. इतना ही नहीं ईमेल व मैसेज के जरिए वायरस भेजकर साइबर क्रिमिनल आपका इंटरनेट डिवाइस (मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप, टैब आदि) हैक भी कर सकते हैं. इसके बाद हैकर्स द्वारा आपको ब्लैकमेल भी किया जा सकता है. हैकर्स विदेश में रह रहे आपके किसी करीबी को कोरोना वायरस होने का डर दिखाकर उसके लिए आर्थिक मदद मांगने के नाम पर भी ठग सकते हैं. यही वजह है कि यूएन की तरफ से लोगों से अपील की गई है कि वह कोरोना वायरस के नाम पर हो रही ऑनलाइन धोखाधड़ी से सावधान रहें.