चीन से जब कोरोना वायरस ने पांव पसारने शुरू किए थे, सबसे अधिक खतरा सिंगापुर पर था। फरवरी के मध्य तक चीन के बाहर जिस देश में सबसे अधिक मामले सामने आए थे, उन देशों की सूची में सिंगापुर पहले स्थान पर था। सिंगापुर में तब 80 मामले सामने आ चुके थे। सरकार ने इस खतरे को भांपा और तुरंत ही सख्त कदम उठाए।
सिंगापुर में रह रहे भारतीय मूल के रजनीकांत गांगियान ने कहा,यहां हालात अभी काफी सामान्य हो गए हैं। शुरुआत में जब लोगों को कोरोना वायरस का पता चला था और सरकार ने इसे ऑरेंज लेवल का खतरा बताया था, तब लोगों में डर पैदा हो गया था।
सरकार ने शुरुआती दिनों में ही सख्त यात्रा प्रतिबंध लागू कर दिए थे। चीन, दक्षिण कोरिया या अन्य प्रभावित देशों से आए लोगों से अपने बारे में प्रशासन को जानकारी देने के लिए कहा गया। लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बढ़ाने को कहा था।
सिंगापुर में सरकार ने लोगों से सीधे जुड़ने के लिए वॉट्सऐप ग्रुप शुरू किया और इससे जुड़ी ताजा जानकारी लोगों को दी गई। प्रत्येक उस इलाके को सैनिटाइज्ड किया गया, जहां से कोरोना वायरस के मामले सामने आए। सिंगापुर में लोग नियमों का सख्ती से पालन करते हैं। क्वारनटीन के नियमों का उल्लंघन करने पर सरकार ने एक व्यक्ति की यहां नागरिकता ही ले ली। यात्रा के बारे में गलत जानकारी देने पर एक दंपति पर मुकदमा दर्ज हुआ। वहीं, दूसरी तरफ अमेरिका में भी कोरोना वायरस के मामले मामले बढ़ते जा रहे हैं। अमेरिका में अब तक नौ हजार से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है और डेढ़ सौ से अधिक की मौत हो चुकी है। वहां पूरी तरह से सरकार ने लॉक डाउन कर दिया है।