राजस्थान के जिस भरतपुर शहर को महाराजा सूरजमल ने बसाया। जहां लोहागढ़ जैसा किला बनाया। भगवान राम के भाई भरत के नाम पर जिसका नाम भरतपुर पड़ा। वहां, चुनावी रण में प्रत्याशी तो नए हैं। लेकिन, अबकी बार दांव पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल और जाट राजघराने के विश्वेंद्र सिंह की साख है।
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राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल के गृह जनपद भरतपुर में 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान है। यहां भाजपा, कांग्रेस में सीधी टक्कर है। बसपा सहित तीन निर्दलीय भी चुनावी अखाड़े में ताल ठोक रहे हैं। सारस चौराहा पर भरतपुर का प्रवेश द्वार है। इसके सामने ही ऊ सांई मिष्ठान भंडार है। जहां कुछ लोग बस के इंतजार में टिनशेड में बैठे हैं। 58 वर्षीय श्रीनिवास अग्रवाल कचौड़ी व ब्रेड पकोड़े बेच रहे हैं।
वहीं, बीएससी द्वितीय वर्ष के छात्र नितिन कुमार नाश्ता कर रहे थे। 18 साल के नितिन इस बार पहली बार वोट डालेंगे। उनसे पूछा चुनावी ऊंट भरतपुर में किस करवट बैठेगा। वो पहले मुस्कराए और फिर बोले आएंगे तो मोदी जी है। लेकिन, मुझे भाजपा या कांग्रेस किसी पर भी एक प्रतिशत यकीन नहीं। युवा बेरोजगार हैं। बेरोजगारी भरतपुर ही नहीं, पूरे भारत में फैल रही है। लेकिन, सरकार भाजपा ही बनाएगी।
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वहीं, 21 वर्षीय राहुल चौधरी बैठे हुए थे। चर्चा सुनकर बोले- मेरा गांव यहां से आठ किमी दूर है। वहां डिग्री कॉलेज नहीं, इसलिए रोज भरतपुर पढ़ने आता हूं। कोई विकास या काम-धंधा भरतपुर में नहीं। तभी, कचौड़ी बेच रहे श्रीनिवास अग्रवाल दुकान छोड़कर पास आकर बैठ गए।
उनसे पूछा- कहां रहते हो, तो बोले- यहीं जवाहर नगर में रहता हूं। मेरा और मुख्यमंत्री भजन लाल का घर पास-पास है। वोटों की राजनीति से देश में भेदभाव बढ़ रहा है। लेकिन, मैं वोट भाजपा को दूंगा। दूध और पूत से कोई नहीं झिका है…। नेता या सरकार कोई भी हो, सब अपना-अपना पेट भरते हैं। फिर बोले यहां भाजपा की टक्कर कांग्रेस से है। कांग्रेस से जाटव प्रत्याशी है और भाजपा से कोली।