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नागिन के डंसने से बच्चे की मौत, ग्रामीणों ने नागिन को भाला से नाथ कर टांगा, फूस की झोपड़ी में रह रहा है परिवार

बिधूना। बेला क्षेत्र के बर्रूकुलासर गांव में झोपड़ी बनाकर रह रहे एक गरीब व्यक्ति के पांच वर्षीय पुत्र को काली नागिन ने उल्टे हांथ में दो जगह डंस लिया। बच्चे को बेहोश होता देख परिजन एम्बुलेंस के सहयोग से उसे सीएचसी बिधूना लाये। जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए रिम्स सैंफई के लिए रेफर कर दिया। जहां पर बच्चे की मृत घोषित कर दिया गया। बच्चे की मौत की जानकारी होते ही परिजनों में कोहराम मच गया।

तहसील के थाना बेला क्षेत्र के गांव बर्रूकुलासर में सिपाही लाल गरीबी के चलते झोपड़ी (फूस की मड़ैया) बनाकर उसी में परिवार के आठ सदस्यों के साथ रह रहा है। सोमवार को सायं करीब 4 बजे काली नागिन ने उसके 5 वर्षीय पुत्र कर्तिक के उल्टे हाथ में दो जगह डंस लिया। नागिन के डंसने से बच्चा बेहोश होने लगा।

परिजन आनन-फानन फोन कर एम्बुलेंस की सहायता से बच्चे को उपचार हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिधूना ले आये। जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे रिम्स सैंफई के लिए रेफर कर दिया। सैंफई में पहुंचते ही चिकित्सकों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। वहां से वापस आकर विश्वास न होने पर परिजन कार्तिक को पास के गांव महू में झाड़-फूंक का काम करने वाले भगत वीरेंद्र सिंह के पास ले गये। उन्होंने भी कार्तिक को मृतक ही बताया।

पानी बरसने के समय पन्नी ठीक करते समय नागिन ने डंसा – बताया कि दोपहर बाद पानी बरसने के कारण झोपड़ी में पानी टपक रहा था। पानी को टपकने से रोकने के लिए कार्तिक पॉलीथिन ठीक करने गया था। पन्नी को पकड़ते ही उसमें छिपी बैठी नागिन ने उसे डंस लिया। जिसके चलते कार्तिक की मौत हो गयी।

ग्रामीणों ने नागिन को नाथ कर टांगा – उधर कार्तिक को नागिन द्वारा डंसने की जानकारी होते ही मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने भाला की मदद से नागिन को नाथ कर वहीं टांग दिया। नागिन को नाथने के बारे में ग्रामीणों का कहना था कि ऐसा करने से बच्चे की जल्द मृत्यु की संभावना कम हो जाती है। लेकिन ये टोटका भी कार्तिक की जान नहीं बचा सका।

पक्का मकान होता तो बच्चे की न जाती जान – ग्रामीणों ने बताया कि गरीबी के कारण सिपाही लाल फूस की झोपड़ी बनाकर रह रहा है। उसने काफी बार पक्के आवास की गुहार लगाई। लेकिन पात्र होने के बाद भी उसे पीएम आवास नहीं मिला है। आज यदि पक्का आवास होता तो बच्चे की जान नहीं जाती। ग्रामीणों ने बताया कि बरसात का मौसम चल रहा है। जिसके चलते कीड़े-मकोड़े अक्सर झोपड़ी में पहुंच जाते हैं। आज भी काली नागिन झोपड़ी में पहुंच कर पन्नी (पॉलीथिन) में छुपकर बैठी थी,जिसने बच्चे को डंस लिया जिससे उसकी मौत हो‌ गयी।

छह भाई बहन में सबसे छोटा है कार्तिक – सिपाही लाल की छह संतानों में कार्तिक सबसे छोटा है। उसकी दो बेटियां मोहिनी (18) व खुशी (14) तीन बेटे अमित (12), सुमित (10) व बाॅबी (08) एवं पत्नी सुनीता का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है।

रिपोर्ट-राहुल तिवारी

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