शिकायत अधिकारी की नियुक्ती को लेकर माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्विटर को फटकार लगाते हुए पूछा कि आपकी प्रक्रिया में कितना समय लगता है? अगर ट्विटर को लगता है कि आप हमारे देश में जितना चाहे उतना समय ले सकते हैं तो कोर्ट इसकी इजाजत नहीं देगा.
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि अदालत को यह सूचित नहीं किया गया था कि स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी (आरजीओ) की इससे पहले नियुक्ति केवल अंतरिम आधार पर थी जो इस्तीफा दे चुके हैं। अदालत ने कहा कि ट्विटर ने अंतरिम आरजीओ को नियुक्त किया था और 31 मई को अदालत को इस बारे में भ्रम में रखा.
ट्विटर के ऊपर लगातार आरोप लग रहा है कि वह भारतीय कानून और केंद्र सरकार की गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रही. इसी वजह से वह ना तो भारत में शिकायत अधिकारी नियुक्त कर रही है और ना ही दिशानर्देशों के मुताबिक अन्य अधिकारियों की नियुक्ति कर रही है.
न्यायाधीश ने कहा, ‘यदि उन्होंने 21 जून को इस्तीफा दे दिया तो ट्विटर कम से कम इतना तो कर ही सकता था कि इन 15 दिन में किसी अन्य अधिकारी को नियुक्त करता, जब आप जानते थे कि इस मामले पर छह जुलाई को सुनवाई होनी है। आपको इस प्रक्रिया में कितना वक्त लगेगा? अगर ट्विटर को ऐसा लगता है कि मेरे देश में वह जितना समय चाहे ले सकता है.