
होली के दिन 14 मार्च को सिनेमाघरों में जॉन अब्राहम की फिल्म ‘द डिप्लोमैट’ रिलीज हुई। इसके साथ कोई और बड़े बजट या तगड़ी स्टारकास्ट वाली फिल्म रिलीज नहीं हुई। ऐसे पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि होली के लॉन्ग वीकेंड का फायदा इस फिल्म को मिलेगा। अब ऐसा होता नजर भी आ रहा है। फिल्म उम्मीद से बेहतर कमाई कर रही है। जॉन अब्राहम की फिल्म ‘द डिप्लोमैट’ दर्शकों को पसंद आ रही है। इस फिल्म का सामना विक्की कौशल की सुपरहिट फिल्म ‘छावा’ से हो रहा है, जो पहले ही ताबड़तोड़ कमाई कर रही है। वैसे ‘छावा’ की सफलता से ‘द डिप्लोमैट’ को कोई नुकसान नहीं पहुंच रहा है। पहली दिन ही फिल्म ने अच्छी शुरुआत की थी और तीसरे दिन तक का कुल कलेक्शन भी सामने आ गया है।
अब तक हुई इतनी कमाई
सैक्निक्ल की रिपोर्ट के अनुसार, ‘द डिप्लोमै’ ने बॉक्स ऑफिस पर अपने पहले 2 दिनों में अच्छा प्रदर्शन किया और भारत में अनुमानित 8.65 करोड़ रुपये की कमाई की थी। तीसरे दिन भी कमाई का सिलसिला जारी रहा और ‘द डिप्लोमैट’ का तीसरे दिन भी बॉक्स ऑफिस कलेक्शन औसत से बेहतर रहा। ‘द डिप्लोमैट’ ने तीसरे दिन लगभग 4.65 करोड़ रुपये का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया। गौर करें तो तीसरे और दूसरे दिन की कमाई 4.65 करोड़ रुपये ही रही। इसी के साथ रविवार 16 मार्च 2025 को ‘द डिप्लोमैट’ की कुल हिंदी ऑक्यूपेंसी 19.61% थी। लगभग 50 करोड़ रुपये में बनी इस फिल्म ने अब तक की कमाई से लागत का एक चौथाई हिस्सा रिकवर कर लिया है।
फिल्म में नजर आए ये एक्टर
बता दें, यह फिल्म शिवम नायर द्वारा निर्देशित और जेए एंटरटेनमेंट, वकाओ फिल्म्स, टी-सीरीज, सीता फिल्म्स और फॉर्च्यून फिल्म्स द्वारा निर्मित है। ‘द डिप्लोमैट’ में जॉन अब्राहम, सादिया खतीब, कुमुद मिश्रा, शारिब हाशमी और रेवती प्रमुख भूमिकाओं में हैं। फिल्म की कहानी असल घटना पर आधारित है। फिल्म में जॉन अब्राहम राजनयिक जे.पी. सिंह के रोल में हैं। वहीं उज्मा अहमद के रोल में सादिया खतीब नजर आईं। दोनों का काम फिल्म में शानदार है। फिल्म की कहानी भारत और पाकिस्ता के बीच हालिया तनाव को भी दर्शाती है।
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कैसी है कहानी
फिल्म उज्मा अहमद की कहानी पेश करती है, जो कि एक भारतीय महिला है। इस महिला की पाकिस्तान में जबरन शादी कर दी जाती है और ये शारीरिक हिंसा और यौन उत्पीड़न का सामना करती है और फिर भारतीय दूतावास में शरण लेती है। रियल लाइफ कैरेक्टर राजनयिक जे.पी. सिंह के सामने ये मामला आता है। इसे सुलझाने में कई चुनौतियां खड़ी हो जाती हैं। राजनयिक बाधाओं, कानूनी जटिलताओं और दोनों सरकारों के दबाव से जूझते हुए उज्मा को घर लाने के लिए हर संभव प्रयास करता है।