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लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया व अनेक पार्षद श्री राम जनभूमि आंदोलन में सक्रिय रूप में भागीदार रहे है। अब यहां श्री राम लाल विराजमान भव्य मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। कोरोना दिशानिर्देशों के चलते बड़ी संख्या लोग भूमि पूजन कार्यक्रम में सम्मलित नहीं हो सके थे। इसलिए संयुक्ता भाटिया के नेतृत्व में पार्षद गण अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन हेतु गए।
महापौर ने बताया कि भव्य ऐतिहासिक राम मंदिर प्रत्येक हिन्दू का स्वप्न रहा है। इसे साकार करने में हम सबकी अतुलनीय भूमिका हेतु हम सब एकत्रित होकर अयोध्या श्रीराम जनमभूमि पहुंचे। यह हमारा स्वभिभान और हमारी भूमिका की प्रतिध्वनि है।
समर्पण अभियान में पार्षद
संयुक्ता भाटिया ने कहा कि श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान में समस्त पार्षद विस्तारक के रुप मे कार्य करेंगे। वह लखनऊ के हर घर से कराएंगे निधि समर्पण, करेंगे गृह संपर्क करेंगे।समस्त पार्षद मकर संक्रान्ति से एक विस्तारक के रूप में निधि समर्पण महा अभियान शुरू करेंगे।महापौर व पार्षदों ने श्री अयोध्या धाम स्थित श्री राम जन्मभूमि,हनुमान गढ़ी,राम की पौड़ी और सरयू घाट का दर्शन किया।
मोदी व योगी का आभार
टेंट से निकलकर अस्थाई सुन्दर मन्दिर में रामलला के दर्शन करना सौभाग्य है। संयुक्ता भाटिया बताया कि पिछली बार आई थी तो रामलला को तिरपाल में बैठा देखकर मन व्यथित होता था,आज भव्य रूप में देखकर मन को संतोष हुआ है,इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया। अयोध्या राष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी है। यह समूचे राष्ट्र की अस्मिता का प्रतीक है। यह हमारा स्वाभिमान है।
मंदिर से पहचान
संयुक्ता भाटिया ने कहा कि ताजमहल नहीं,अब अयोध्या के राम मंदिर से भारत की पहचान होगी। राम मंदिर दुनिया के समक्ष भारत के आत्मसम्मान और गौरव का प्रतीक होगा। महापौर अयोध्या ऋषिकेश उपाध्याय ने लखनऊ से पहुंचे इन दर्शनार्थियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर विश्व में भारतीय स्थापत्य कला का अनुपम उदाहरण होगा।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर भव्यता और दिव्यता की अद्वितीय कृति के रूप में विश्व पटल पर उभरेगा। राम जन्मभूमि मंदिर के चार द्वार होंगे जो चारों दिशाओं में खुलेंगे। मंदिर में कुल तीन तल होगा। राम मंदिर परिसर में रामकथा कुंज पैतालीस एकड़ में बनेगा।