राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने गत दिवस राजभवन में आंगनबाड़ी से संबंधित प्रजेंटेशन का अवलोकन किया था। तब उन्होंने आदर्श आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना हेतु दिशा निर्देश दिया था। उनका कहना था कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों में मूलभूत सुविधाओं व संसाधनों का होना आवश्यक है। इसी के साथ गर्भवती महिलाओं व शिशुओं के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए।
इस क्रम में आनंदीबेन पटेल ने चिनहट विकास खण्ड लखनऊ के शाहपुर प्राथमिक विद्यालय स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र पर डा एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ द्वारा उपलब्ध कराये गये बच्चों को खेलकूद एवं पठन सामग्री तथा गर्भवती महिलाओं हेतु पौष्टिक आहार वितरण के लिये आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया।
पौष्टिक आहार अपरिहार्य
आनन्दी बेन पटेल बच्चों व महिलाओं के लिए पौष्टिक आहार पर सदैव बल देती रही है। फिट इंडिया अभियान के संदर्भ में भी उन्होंने इसका महत्व बताया था। उन्होंने कहा कि बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं। बड़े होकर ये ही देश के सजग प्रहरी बनेंगे। इसलिए इन्हें बचपन से ही उचित शिक्षा,दीक्षा एवं पौष्टिक आहार दिया जाना चाहिए। इस कार्यक्रम में दी जाने वाली सामग्री डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ से सम्बद्ध छबनिस इंजीनियरिंग कालेजों के सहयोग से प्राप्त की गयी है, जिसका वितरित किया गया।
चालीस आंगनवाड़ी केन्द्रों को खेलकूद,पठन पाठन एवं पौष्टिक आहार वितरण किया गया। उन्होंने कहा कि बच्चों में खिलौनों के प्रति आकर्षण होता है। अतः वे खेल खेल में पढ़ना सीखेंगे तथा प्रेरक कहानियों के माध्यम से उन्हें शिक्षा व संस्कार दोनों प्राप्त होंगे।
केंद्र व राज्य का सहयोग
राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों में शिक्षा एवं आरोग्य के कार्यक्रम चलाये जाने चाहिये। इस कार्य में भारत सरकार एवं राज्य सरकार आर्थिक सहयोग दे रही है। इस कार्य में प्रत्येक गांव के सम्भ्रांत नागरिकों, जनप्रतिनिधियों तथा सम्पन्न वर्ग को जोड़ने की आवश्यकता है। समाज के हित में ये सभी लोग सहजता से सहभागी बनेंगे। राज्यपाल ने जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामवासियों से अपील की कि वे अपने गांव के आंगनवाड़ी केन्द्र व प्राथमिक विद्यालय को सरकारी नहीं बल्कि अपना समझें।
यहां पर आपके अपने गांव के बच्चों को ही स्वस्थ, शिक्षित एवं संस्कारवान बनाने का कार्य किया जाता है। इसलिए अनिवार्य रूप से अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें तथा अपना सक्रिय योगदान भी दें। उन्होंने कहा कि जन्मदिन पर आंगनवाड़ी केन्द्रों पर फल एवं मिठाई वितरण कर जन्मदिन को यादगार बनाये।
बच्चों में संस्कार
कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में स्वदेश खिलौनों पर जोर दिया था। यह आत्मनिर्भर भारत अभियान का हिस्सा है। साथ ही बच्चों का उत्साह वर्धन भी होता है। राज्यपाल ने भी कहा कि बच्चों में खिलौनों प्रति आकर्षण होता है। इसके माध्यम से वह खेल खेल में पढ़ना सीखेंगे। प्रेरक कहानियों के माध्यम से उन्हें शिक्षा व संस्कार दोनों प्राप्त होंगे। आनंदीबेन पटेल ने अभिभावकों से कहा कि वे घर पर ऐसे कोई भी कार्य न करें, जो बच्चे की गलत आदत का कारण बनें। बच्चों में ग्रहण करने की क्षमता अधिक होती है। जैसा आचरण आप करेंगे बच्चे उसी से सीखेंगे।
ना हो भेद भाव
आनन्दी बेन ने कहा कि बच्चियों व किशोरियों तथा गर्भवती महिलाओं के लिये भी खान पान व शिक्षा दीक्षा में किसी भी प्रकार से भेदभाव नहीं करना चाहिये। बेटियां किसी भी मामले में बेटों से कम नहीं हैं। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को निर्देश दिया कि गर्भवती महिलाओं के लिये सरकार द्वारा दिये जा रहे पांच रूपये की जानकारी लेते रहें। यह धनराशि फल एवं पौष्टिक आहार के क्रय में लगनी चाहिये। यदि जच्चा स्वस्थ हो तो बच्चा भी स्वस्थ पैदा होगा। गर्भकाल में उचित पोषण न मिलने के कारण ही कुपोषित बच्चे पैदा होते हैं। राज्यपाल ने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकत्री को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।