ईद उल अजहा (Eid ul Azha) का त्योहार भारत में 29 जून 2023, गुरुवार को है। इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करते हैं। आमतौर पर बकरीद (Bakrid) के दिन सुबह के समय मस्जिदों या खुले इलाकों में नमाज अदा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं।
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इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, कहा जाता है कि पैगंबर हजरत इब्राहिम से ही कुर्बानी देने की प्रथा शुरू हुई थी। कहते हैं कि अल्लाह ने एक बार पैगंबर इब्राहिम से कहा था कि वह अपने प्यार और विश्वास को साबित करने के लिए सबसे प्यारी चीज का त्याग करें और इसलिए पैगंबर इब्राहिम ने अपने इकलौते बेटे की कुर्बानी देने का फैसला किया था।
कहते हैं कि जब पैगंबर इब्राहिम अपने बेटे को मारने वाले थे। तभी अल्लाह ने अपने दूत को भेजकर बेटे को एक बकरे से बदल दिया था। तभी से बकरीद अल्लाह में पैगंबर इब्राहिम के विश्वास को याद करने के लिए मनाई जाती है।
इस त्योहार को नर बकरे की कुर्बानी देकर मनाते हैं। इसे तीन भागों में बांटा जाता है, पहला भाग रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों को देते हैं और दूसरा हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों और तीसरा परिवार के लिए होता है।
भारत में ईद उल अजहा की नमाज का समय हर शहर में अलग-अलग हो सकता है। आमतौर पर ईद उल अजहा के दिन सूर्योदय के बाद नमाज अदा की जाती है। जानकारी के अनुसार, बकरीद के दिन ईदगाह में सुबह 7:15 बजे नमाज अदा की जाएगी। वहीं जामा मस्जिद में 6:45 बजे बकरीदकी नमाज अदा की जाएगी।
जबकि रजा मस्जिद में 7:30 बजे नमाज होगी। मौसम खराब होने पर मदीना मस्जिद, मक्का मस्जिद और नूर मस्जिद में 7:45 बजे, जबकि हक्की मस्जिद में 7:15,मस्जिद ए बेलाल और मस्जिद ए फातिमा में 7:30 बजे नमाज अदा की जाएगी।
इस पर्व की तारीख हर साल बदलती रहती है क्योंकि यह लूनर कैलेंडर पर आधारित है। सऊदी अरब के सुप्रीम कोर्ट ने जिलहिज्जा का पहला दिन 19 जून को घोषित किया था। जिसके कारण आज 29 जून को बकरीद का त्योहार मनाया जा रहा है।