• मालभाड़ा लदान पर बल
• क्रू-प्रबंधन पर बल
• रेलपथों को पार करने की घटनाओं को रोकने पर बल
नई दिल्ली। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक, आशुतोष गंगल ने आज उत्तर रेलवे, प्रधान कार्यालय, बड़ौदा हाउस, नई दिल्ली में उत्तर रेलवे के प्रमुख विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों के साथ कार्य-प्रगति की समीक्षा की। बैठक में रेलपथों पर संरक्षा, गतिसीमा में वृद्धि,मालभाड़ा रेलगाडि़यों के रवानगी-पूर्व अवरोध और मालभाड़ा लदान जैसे मुद्दों पर चर्चा की गयी।
मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि महाप्रबंधक ने रेलपथों, रेल फाटकों के संरक्षा मानकों को बेहतर बनाने और हाई-स्पीड सेक्शनों में रेलपथों के किनारे चारदीवारी का निर्माण करने पर बल दिया। उन्होंने रेलपटरियों को पार करने की घटनाओं को गम्भीरता से लिया। उन्होंने संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलपथों के निकट अतिक्रमणों को हटाने के प्रयास करने का परामर्श दिया।
महाप्रबंधक ने कहा कि रेल/वैल्ड दरारों को रोकने पर पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए। रेल ज्वाइंटस और वैल्ड़ों के निरीक्षण और ल्यूब्रीकेशन को प्राथमिक आधार पर किया जाना चाहिए। उन्होंने रात्रिकालीन गश्त को भी बढ़ाने के निर्देश दिए।
महाप्रबंधक ने क्रू-चेंज बिंदुओं पर क्रू-चेंज के कारण रेलगाडि़यों के गतिरोध पर चर्चा की और मंडलों को क्रू-चेंजिंग लाइनों/प्वाइंटों के दोनों सिरों पर बैठने की व्यवस्था वाले पोर्टा केबिनों के निर्माण का निर्देश दिया जिससे न्यूनतम सम्भावित समय में क्रू-चेंजिंग की जाये और क्रू-चेंजिंग के कारण होने वाले रेलगाडि़यों के विलम्ब को कम किया जा सके।
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उन्होंने प्रमुख विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों से समयपालनबद्धता को बनाए रखने और संरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मालभाड़ा लदान की गति बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि खाद्यान्नों एवं अन्य मदों के लदान में प्रत्येक गुजरते माह के साथ वृद्धि हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि निर्माण परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी प्रणाली पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि रेलवे का विकास बहुत हद तक इन परियोजनाओं पर निर्भर करता है। उन्होंने विभाग प्रमुखों को विशेष निर्माण परियोजनाओं को चरणबद्ध तरीके से पूरा करते हुए काम में तेजी लाने के निर्देश दिए।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी